Move to Jagran APP

बंगाल चुनाव : नाकाम साबित हुआ हाथ-हथौड़ा को साथ लाने का प्रयोग

-विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद मुंह के बल गिरा वाममोर्चा व कांग्रेस गठबंधन -वाममोर्चा की अब तक की

By Edited By: Published: Thu, 19 May 2016 01:43 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2016 01:43 PM (IST)
बंगाल चुनाव : नाकाम साबित हुआ हाथ-हथौड़ा को साथ लाने का प्रयोग

-विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद मुंह के बल गिरा वाममोर्चा व कांग्रेस गठबंधन

loksabha election banner

-वाममोर्चा की अब तक की सबसे बड़ी हार तो कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक और बड़ा झटका

जागरण संवाददाता, कोलकाता :

सभी आलोचनाओं को अनदेखा कर गठित हुआ वाममोर्चा व कांग्रेस गठबंधन विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद मुंह के बल गिर पड़ा है। यह वाममोर्चा की अब तक की सबसे बड़ी हार मानी जा रही है। जबकि कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय स्तर पर यह एक बड़ा झटका है। रुझान के अनुसार वाम-कांग्रेस गठबंधन को मात्र 71 सीटे मिलती नजर आ रही है। इसमें 40 कांग्रेस जबकि 31 सीट वाममोर्चा के खाते में है।

वाममोर्चा की यह अब तक की सबसे बड़ी हार मानी जा रही है। 2011 में वाममोर्चा को 42 सीटें मिली थी, तब इसे वामो की सबसे बदतर स्थिति मानी गयी थी। 2016 में वामो का खाता 31 पर बंद होता दिख रहा है। रुझान में अब तक कांग्रेस के खाते में 44 व वामो को 25 सीटें मिलती दिख रही है। हाथ-हथौड़ा को साथ लाने का यह प्रयोग पूरी तरह से असफल हो गया है। उत्तर बंगाल व मुर्शिदाबाद जिसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, जहां से गठबंधन ने 76 में से 67 सीट पाने का दावा किया था। वहां गठबंधन को मात्र 44 सीटे मिलती दिख रही है। इधर, वामो के शीर्ष नेता अभी से हार पर मंथन करने में लग गये हैं। जमीनी स्तर पर गठबंधन के लिए अनुकूल परिस्थितियां होने के बावजूद हार क्यों हई? कई कामरेड वामो के शीर्ष नेताओं पर बिना असल स्थिति को जाने गठबंधन की ओर बढ़ने का आरोप लगा रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि कई जगहों पर वामो व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे के लिए वोट नहीं किया, जो हार का बड़ा कारण बना है। ग्रामीण इलाकों में तृणमूल की पैठ, कन्याश्री, खाद्यसाथी जैसे परियोजनाएं ममता की जीत का बड़ा कारण माना जा रहा है। दक्षिण बंगाल व बाकुंड़ा, पुरुलिया, बीरभूम में तृणमूल का विकास कार्ड चला है। बांकुड़ा, बीरभूम, पश्चिम मेदिनीपुर, पुरुलिया से तृणमूल को 48 में से 43 सीटें मिली हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.