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अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज ने लिया तालाब सफाई का संकल्प

-'तलाश तालाबों की' पर संस्था ने की पहल -जलाशयों के संरक्षण में बढ़ रहे हाथ सुनील शर्मा, कोलकात

By Edited By: Published: Tue, 17 May 2016 11:15 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2016 11:15 PM (IST)
अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज ने लिया तालाब सफाई का संकल्प

-'तलाश तालाबों की' पर संस्था ने की पहल

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-जलाशयों के संरक्षण में बढ़ रहे हाथ

सुनील शर्मा, कोलकाता

जलाशयों को बचाने के लिए दैनिक जागरण द्वारा चलाए जा रहे अभियान 'तलाश तालाबों की' का असर दिखने को मिल रहा है। इस अभियान ने जनप्रतिनिधियों के साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं को भी प्रेरित किया है। 9 मई से शुरू हुए इस अभियान का ही परिणाम है कि अभी तक दो संस्थाएं जलाशयों की सफाई के लिए आगे आई हैं। लायंस क्लब ऑफ कोलकाता से संबंधित एचएमएजी चैरिटेबल ट्रस्ट ने जहां हावड़ा के टीएल जायसवाल अस्पताल परिसर में स्थित तालाब की साफ-सफाई का निर्णय किया है वहीं अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज ने भी इस तरह की पहल में अपना योगदान देने का संकल्प लिया है। समाज के महासचिव शंकर बक्श सिंह व उपाध्यक्ष प्रभुनाथ सिंह ने कहा कि इस जनहित कार्य में उनकी संस्था हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि संस्था ने उत्तर 24 परगना जिले के सोदपुर स्थित तालाब की सफाई का जिम्मा लिया है। यह तालाब सोदपुर रेलवे स्टेशन से कुछ दूर स्थित है। अनदेखी की वजह से यह जलाशय प्रदूषित होता जा रहा है। इसके साथ ही अन्य इलाकों में भी इस तरह के जलाशयों की तलाश कर रही है ताकि उनकी सफाई की जाए। संस्था का कहना है कि उसकी ओर से न सिर्फ तालाब की सफाई की जाएगी बल्कि आम जनता को जागरूक किया जाएगा, जिससे कि वे जलाशयों के आसपास कूड़ा-कचरा नहीं फेंके। संस्था की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए बीच-बीच में जागरूकता अभियान चलाया जाता है। शंकर बक्श सिंह ने कहा कि तालाब की सफाई को लेकर संस्था की हर इकाइयों को बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने को कहा गया है। संस्था ने तालाबों या अन्य जलाशयों की दुर्दशा तथा सरकार या स्थानीय नगर-निकायों की उदासीनता पर गंभीर चिंता जताई है। इस पर सदस्यों ने सरकार के ध्यानाकर्षण के लिए भी अभियान चलाने की बात कही है।

-पारिस्थितिकी तंत्र में है तालाबों की अहम भूमिका

अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज के मुख्य संरक्षक जयप्रकाश सिंह ने कहा कि तालाब पारंपरिक जलश्रोत हैं लेकिन आज इनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। इसके लिए बढ़ती आबादी, अंधाधुंध शहरीकरण एवं सरकारी उपेक्षा जिम्मेवार है। आवास एवं उद्योगों के लिए नव निर्माण जरूरी है लेकिन जलाशयों को मिटाकर यह सबकुछ नहीं होना चाहिए। क्योंकि पर्यावरण संतुलन में इन जलाशयों का महत्वपूर्ण योगदान है। पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए जलाशयों का होना जरूरी है। इससे जहां आपात स्थिति में जल की आपूर्ति हो सकती है वहीं बड़े तालाबों में मछली पालन कर जीविकोपार्जन किया जा सकता है। ऐसे में अभियान 'तलाश तालाबों की' एक अहम पहल है। इससे लोगों में तालाब बचाने की प्रेरणा मिल रही है। इसमें अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज तत्पर हुआ है। अभियान के उद्देश्य की पूर्ति में सहयोग के लिए संस्था ने तालाब की सफाई का संकल्प लिया है।


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