103 वर्षीय अली व हसमी ने पहली बार किया मतदान
-103 वर्षीय अजगर अली व हसीम अली खाडाकर ने पोते के संग दिया वोट -छिंटमहल के 9776 मतदाताओं के लिए बन
-103 वर्षीय अजगर अली व हसीम अली खाडाकर ने पोते के संग दिया वोट
-छिंटमहल के 9776 मतदाताओं के लिए बनाए गए थे 38 बूथ
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: उत्तर बंगाल के छिंटमहल के 9776 मतदाता कूचबिहार जिले के 38 बूथों पर गुरुवार को पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इनमें से एक हैं 103 वर्ष के मुहम्मद अजगर अली जिन्होंने अपने जीवन में पहली बार वोट डाले हैं। दरअसल, अजगर अली छिंटमहल में रहते थे। छिंटमहल के लोग न तो भारत और न ही बांग्लादेश के नागरिक थे। परंतु, पिछले दिनों बांग्लादेश के साथ हुए सीमा भूमि समझौते के बाद छिंटहमल के 14 हजार से अधिक लोग भारत में रहने की इच्छा जताई। इसके बाद उन्हें भारतीय नागरिकता के साथ-साथ मताधिकार का भी अधिकार दिया गया। उन्हीं छिंटमहल वासियों में से मध्य मसलडांगा क्षेत्र के 103 वर्षीय अजगर अली पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने वोट डालने के बाद खुशी जताई और कहा कि जीवन में पहली बार वोट डालना बहुत अच्छा लग रहा है। विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में कूचबिहार की नौ विधानसभा सीटें मेखलीगंज, माथाभांगा, सिताई, दिनहाटा, तूफानगंज और नाटाबाड़ी छिंटमहल वासियों ने वोट डाले। नाटाबाड़ी को छोड़ कर शेष पांच विधानसभा क्षेत्रों में कुल 9776 मतदाता हैं जिन्हें मतदाता पहचान पत्र दिया गया है। अली के पोते जॉयनल अबेदिन ने कहा कि मुझे गर्व होता है कि मैं अपने दादा और पिता के साथ मतदान करने आया हूं। हम इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। कूचबिहार की अतिरिक्त जिलाधिकारी आयशा रानी ने बताया कि इसी तरह पूर्व दक्षिण मशालडंगा व कचुआ क्षेत्र के 103 वर्षीय हसीम अली खाडाकर और पूर्ववर्ती पूर्व एवं दक्षिण मशालडंगा क्षेत्र से खातेमन बेवा ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। रानी ने बताया कि हमें उन्हें मतदान प्रक्रिया के बारे में बताने व समझाने में वक्त लगा, लेकिन हम इसमें सफल रहे।
कुल 9,776 लोग आजादी के बाद पहली बार मतदान करने के लिए पंजीकृत हैं। इनमें 567 वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने बाग्लादेश के साथ समझौते के बाद भारत में रहने का फैसला किया। ये लोग दिनहाटा (5,486), मेखलीगंज (988), सिताई (1,396), सीताल्कुची (1,898) और तूफानगंज (8) निर्वाचन क्षेत्रों में हैं।
बताते चलें कि 31 जुलाई 2015 को भारत- बांग्लादेश के बीच सीमा समझौैता के तहत छिंटमहल का आदान प्रदान हुआ। समझौते के तहत 51 छिंटमहल भारत में आएं और 111 छिटमहल बांग्लादेश में गए। भारत में 51 छिंटमहल की आबादी 14864 हैं।
मतदान को लेकर छिंटमहल के मतदाताओं में विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया था। क्योंकि, उन्हें वोट से क्या फायदे हैं इसके बारे में जानकारी दी गई। मतदाता पहचान पत्र वितरण से लेकर उन्हें वोट डालने की प्रक्रिया तक की जानकारी दी गई। ईवीएम में कैसे वोट डाले जाएंगे यह भी बताया गया था। छिंटमहल क्षेत्र में दो माडल मतदान केंद्र बनाया गया है। छिंटमहल के संक्षिप्त इतिहास कुछ इस तरह है। एक जमाने में राजा पांसा खेलने के दौरान हार-जीत के दौरान एक-एक इलाके को एक दूसरे को सौंप देते थे। भारत सरकार और बांग्लादेश सरकार के बीच समय-समय पर छिंटमहल की समस्या का समाधान करने की दिशा में कदम उठाए गए। अंत में 31 जुलाई 2015 को दोनों देशों के बीच छिंटमहल का आदान प्रदान हुआ और उन्हें अपने-अपने देश की नागरिकता प्राप्त हुई।