कानून-व्यवस्था पर सवाल
राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि बंगाल में मां-माटी-मानुष ही नहीं, जिन पर कानून-व्यवस्था की रक्षा की जिम्मेदारी है, वे पुलिस वाले भी सुरक्षित नहीं हैं।
बंगाल की कानून-व्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल उठता रहा है। जिस तरह से थाने पर हमला, पुलिसकर्मियों की हत्या के साथ अन्य आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, ऐसे में सवाल उठाना लाजिमी है। गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जिस तरह से ममता सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर हमला बोला, वह हाल के दिनों में सबसे तीखा प्रहार है। राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि बंगाल में मां-माटी-मानुष ही नहीं, जिन पर कानून-व्यवस्था की रक्षा की जिम्मेदारी है, वे पुलिस वाले भी सुरक्षित नहीं हैं।
इस बयान के कुछ घंटे बाद ही बीरभूम जिले के खैड़ाशोल थानान्तर्गत अमोदपुर में एक घर में बम विस्फोट हुआ, जिसमें तृणमूल समर्थक दो भाइयों की मौत हो गई। यह घटना राज्य की कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल को सही साबित करने के लिए काफी है। बम विस्फोट की यह न तो पहली और न ही आखिरी घटना है। पिछले कुछ वर्षो में ऐसे विस्फोट की कई घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें लोग मरे हैं। बीरभूम में तो बम मारकर पुलिस अधिकारी की हत्या तक कर दी गई थी। यही नहीं, इसी जिले में कुछ दिन पहले ही थाने पर हमला बोलकर उग्र भीड़ ने आग लगा दी थी। पुलिसकर्मियों ने भागकर अपनी जान बचाई थी।
मालदा में भी थाने पर हमला व आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। यह तो जिले की बात है, कोलकाता के अलीपुर थाने पर हमला हुआ था और पुलिसकर्मी टेबल व अलमारी के पीछे छिपकर जान बचाते दिखे। खिदिरपुर व गिरीश पार्क इलाके में दो सब-इंस्पेक्टर को गोली मार दी गई थी। बर्धमान के खागरागढ़ में विस्फोट के बाद बांग्लादेशी आतंकियों के बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ था। थाने पर हमला, बम विस्फोट व पुलिसकर्मियों की पिटाई के अधिकांश मामलों में आरोप सत्तारूढ़ दल के नेताओं, समर्थकों व कार्यकर्ताओं पर लगे हैं।
ऐसे हालात में जब केंद्रीय गृहमंत्री ने कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया है तो इसे सियासी मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए, बल्कि बंगाल सरकार और खासकर पुलिस-प्रशासन को आत्ममंथन करना चाहिए कि आखिर यह सवाल क्यों उठ रहा है। बीरभूम में लगभग हर दिन बमबाजी, गोलीबारी की घटनाएं हो रही हैं। हजारों की संख्या में बम जब्त कर निष्क्रिय किया जा चुके हैं। इसके बावजूद यदि बम तैयार हो रहे हैं और धमाके हो रहे हैं तो कानून-व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगेगा ही।
मुख्यमंत्री को चाहिए कि बिना किसी विलंब के पुलिस-प्रशासन को निर्देश दे कि राज्य को बम निर्माण व अवैध हथियारों से मुक्त कराने के लिए व्यापक अभियान चलाए। ऐसे तत्व जो भी हो, चाहे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े क्यों न हो, उन्हें सख्त सजा दी जानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो स्थिति और बिगड़ेगी और इसके साथ ही सवाल ज्वलंत रूप लेता चला जाएगा।
(स्थानीय संपादकीय, पश्चिम बंगाल)