टूटे बर्तनों में पका व खा रहीं छात्राएं
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : कल्याण विभाग द्वारा संचालित जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय चक्रधरपुर के आदि
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : कल्याण विभाग द्वारा संचालित जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय चक्रधरपुर के आदिवासी बालिका छात्रावास इन दिनों उपेक्षा का दंश झेल रहा है। आलम यह है कि यहां छात्राओं के लिए टूटे बर्तनों में भोजन पकाया जा रहा है। यही नहीं छात्राओं को टूटी-फूटी थालियों में ही भोजन परोसा जा रहा है। इससे कॉलेज की छात्राएं काफी आहत हैं। महाविद्यालय के बालिका छात्रावास में 50 छात्राएं रखती हैं। इनमें इंटरमीडिएट से स्नातक तक की छात्राएं हैं, लेकिन इनके लिए छात्रावास में पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। डेग, बाल्टी आदि रसोई घर के सामान टूट-फूट गए हैं। कल्याण विभाग द्वारा आवेदन के बावजूद सामान उपलब्ध नहीं कराने से इन्हीं टूटे-फूटे बर्तनों से किसी तरह काम चलाया जा रहा है। कल्याण विभाग पश्चिमी ¨सहभूम चाईबासा को आवेदन पर आवेदन दिया जा रहा है, लेकिन विभाग व उच्चाधिकारियों की तंद्रा है कि भंग होती ही नहीं। बताया जाता है कि पिछली मर्तबा 2010 में रसोई घर के लिए बर्तन उपलब्ध कराए गए थे। पांच साल गुजर गए, लेकिन विभाग बहाने बनाकर रसोई से संबंधित सामान मुहैया नहीं करा रहा है। यहां परीक्षा देने वाली छात्राएं भी ठहरती हैं। ऐसे वक्त में छात्राओं को भारी परेशानी से दो-चार होना पड़ता है।
-हर साल आवेदन, पर मच्छरदानी नहीं मिलती
छात्राओं ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि मच्छरदानी के लिए कल्याण विभाग को हर साल आवेदन देते हैं, लेकिन मुहैया नहीं कराई जाती। घर से लाकर मच्छरदानी का उपयोग कर रहे हैं। बर्तनों के मामले में भी यही हो रहा है। टूटे होने के कारण कई छात्राएं भोजन के लिए घर से थाली लाकर काम चला रही हैं। मनोरंजन व सेहत के लिए खेलकूद की सामग्री भी नहीं दी जा रही है। कल्याण विभाग को 25 जून को बर्तन आदि के लिए छात्राओं ने आवेदन दिया था। तब कहा गया था कि सामान उपलब्ध है, आवश्यक जांच के उपरांत भेज दिया जाएगा। लेकिन तीन माह होने को हैं, छात्रावास को कोई सामान नहीं भेजा गया।
-क्या कहती हैं छात्राएं
बाल्टी, डेग में छेद हो गए हैं। किसी तरह काम चलाया जा रहा है। शीघ्र ही बर्तन व अन्य सामान उपलब्ध नहीं कराया गया,तो छात्रावास में रहना मुश्किल हो जाएगा। कल्याण विभाग छात्राओं की समस्याओं को जल्द दूर करे।
फोटो संख्या-8राज विभूति हांसदा, छात्रा।
कई सालों से खेलकूद की सामग्री नहीं दी जा रही है। ज्ञानार्जन के साथ सेहत के लिए मनोरंजन व खेलकूद भी जरूरी है। इसलिए कल्याण विभाग को छात्राओं की जरूरतों का पर्याप्त ध्यान देना चाहिए।
फोटो संख्या-9रंजीता हेम्ब्रम, छात्रा।
सामान आया है। चेक कर लेंगे, उसके बाद देंगे कहा गया था। लेकिन आज तक बर्तन आदि रसोई के सामान नहीं दिए गए। इससे भोजन बनाने एवं छात्राओं को भोजन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
फोटो संख्या-10रीना बांकिरा, छात्रा प्रमुख।
छात्राओं को मच्छरों के प्रकोप से बचने का खुद ही उपाय करना होता है। दअसल छात्राओं को कई सालों से मच्छरदानी ही नहीं दी जा रही है। हर साल इसके लिए आवेदन दिए जाते हैं। लेकिन विभाग चुप्पी साल लेती है।
फोटो संख्या- 11
सुनीता सामड, छात्रा।