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छात्रसंघ चुनाव के बाद दीक्षांत की तैयारी : कुलपति

विकास श्रीवास्तव, चाईबासा : लंबे इंतजार और कई बार टलने के बाद कोल्हान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव

By Edited By: Published: Mon, 21 Sep 2015 01:16 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2015 01:16 PM (IST)
छात्रसंघ चुनाव के बाद दीक्षांत की तैयारी : कुलपति

विकास श्रीवास्तव, चाईबासा : लंबे इंतजार और कई बार टलने के बाद कोल्हान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव कराने में सफल रहे कुलपति डॉ. आरपीपी ¨सह का अगला लक्ष्य अब विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह पर है। शांतिपूर्वक छात्रसंघ चुनाव करा ले जाने का सुकून उनके चेहरे पर साफ झलक रहा है। बातचीत के दौरान कहा भी कि मैंने जनवरी में ही साफ घोषणा कर दी थी कि अगस्त-सितंबर तक छात्रसंघ चुनाव करा लिए जाएंगे। कोल्हान विश्वविद्यालय का छात्रसंघ चुनाव हो जाने के बाद अब राज्य के दूसरे विश्वविद्यालयों पर भी नैतिक दबाव है कि वे अपने यहां भी छात्र प्रतिनिधित्व सुनिश्चत करें। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश:-

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सवाल : छात्रसंघ चुनाव प्रक्रिया लगभग पूरी होने को है। क्या कहेंगे?

जवाब : लंबे समय से छात्रों की मांग थी कि छात्रसंघ के चुनाव कराए जाएं। मेरी भी सोच है कि एक स्वस्थ छात्रसंघ होना चाहिए जो छात्रों की बातों को उचित मंच प्रदान करे और उनकी समस्याओं को दूर करने में विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ मिलकर चल सके। इससे सकारात्मक दिशा में हम आगे बढ़ सकेंगे। छात्रों को अच्छा नेतृत्व मिलेगा तो हमारी सहायता ही होगी।

सवाल : एक और महत्वपूर्ण आयोजन दीक्षांत समारोह लगातार टल रहा है।

जवाब : छात्रसंघ चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगला लक्ष्य दीक्षांत समारोह ही है। उम्मीद करते हैं कि परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह भी करा लिया जाएगा। मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ ¨सह से सहमति पहले ही मिल चुकी है। गृह मंत्रालय से दिन तय किया जाना है। एक-दो दिन पूर्व हमने फिर से फैक्स व मेल से गृह मंत्री को उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने का निवेदन किया है। जवाब मिलते ही दीक्षांत समारोह की तिथि की घोषणा कर दी जाएगी।

सवाल : रांची विवि से अधिकारियों-कर्मचारियों का बंटवारा हो गया। नियुक्ति कब तक होगी?

जवाब : अधिकारियों-कर्मचारियों की कमी इस विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी समस्या रही है। इसके लिए अपनी क्षमता से प्रयास करते रहे हैं। स्थापना के समय कोल्हान विश्वविद्यालय चलाने के लिए सिर्फ सात पद मिले थे। सात पदों से विश्वविद्यालय कैसे चल सकता है, यह सोचने की बात है। कई बार नियुक्ति के लिए सरकार से बातचीत हो चुकी है। सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। उम्मीद करते हैं कि नवंबर तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। रांची विश्वविद्यालय से पदों के बंटवारे की जहां तक बात है उन पदों पर नियुक्ति से थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। पद के साथ पदधारी भी मिलने चाहिए थे लेकिन मुझे नहीं लगता कि मिलेंगे। इसके लिए हम राज्य सरकार को लिखेंगे। उसके बाद बंटवारे में मिले पदों पर नियुक्ति की जाएगी।

सवाल : इतनी कोशिशों के बाद कुछ अंगीभूत कॉलेजों में बीएड जारी रहने की संभावना बनी। अभी तक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया तक शुरू नहीं हुई। कैसे चलेगा बीएड?

जवाब : मामला कई बातों को लेकर फंस रहा है। कुछ दिनों पूर्व रांची में मानव संसाधन विकास विभाग के साथ बैठक में राज्य के सभी पांच विश्वविद्यालयों के प्रस्ताव रखे गए थे। बीएड पाठ्यक्रम के लिए सबकी फीस संरचना अलग-अलग थी। सरकार की ओर से एकरूपता लाने की बात कही गई। इसके लिए हर विश्वविद्यालय की ओर से ओएसडी प्रतिनियुक्त किए गए। उसके बाद बैठक होनी थी लेकिन टल गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अभी तक बीएड पाठ्यक्रम के लिए कोई रेगुलेशन ही निर्धारित नहीं हुआ है। हमने कोल्हान विश्वविद्यालय का रेगुलेशन तैयार कर सरकार को भेजा हुआ है। तकलीफ होती है कि इतनी कोशिशों के बावजूद अभी तक बीएड का संचालन अधर में लटका है। थोड़ा और इंतजार करते हैं। फिर देखेंगे कि क्या कर सकते हैं।

सवाल : और कुछ नया करने की सोच रहे हैं?

जवाब : सबसे पहला काम तो एकेडमिक सुधार का है। इसे मैं कर के रहूंगा। सुधार हो भी रहा है। कैबिनेट से दो पालियों में कॉलेज का संचालन करने संबंधी प्रस्ताव पारित होने के बाद मैंने सभी कॉलेजों को पत्र भेजा है कि उनके यहां छात्र-शिक्षक अनुपात की स्थिति, नामांकन की स्थिति और दो पालियों में कॉलेज संचालन के लिए आधारभूत संरचना की रिपोर्ट सौंपे। रिपोर्ट मिलने के बाद जरूरत पड़ी तो सेवानिवृत्त शिक्षक या नेट उत्तीर्ण युवकों को पढ़ाने के लिए रखा जाएगा। गेस्ट फैकल्टी को प्रति क्लास दिए जानेवाले मानदेय को भी बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा एससी-एसटी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए निश्शुल्क को¨चग विश्वविद्यालय की ओर से शुरू की जा रही है। इसकी सहायता से एससी-एसटी छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराई जा सकेगी। अंग्रेज विभाग के डॉ. आरएस दयाल को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।


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