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बंगाल में जबरन भूमि अधिग्रहण नहीं : ममता

भूमि अधिग्र्रहण विधेयक पर केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को साथ लेने की पहल शुरू होने के बीच ही बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार कभी भी जबरन भूमि अधिग्रहण नहीं करेगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2015 01:40 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2015 02:50 AM (IST)
बंगाल में जबरन भूमि अधिग्रहण नहीं : ममता

कोलकाता [राज्य ब्यूरो]। भूमि अधिग्र्रहण विधेयक पर केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को साथ लेने की पहल शुरू होने के बीच ही बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार कभी भी जबरन भूमि अधिग्रहण नहीं करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में नीति आयोग की प्रशासनिक परिषद् की बैठक में शामिल नहीं होने वाली ममता ने कहा कि उनकी सरकार वैकल्पिक भूमि नीति का अनुपालन कर रही है क्योंकि वह केंद्र की जमीन अधिग्रहण नीति का अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं कर सकतीं।

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अपनी सरकार की सौवीं प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वैकल्पिक भूमि नीति बनाई है जिसमें जबरन अधिग्रहण किए बगैर बातचीत के माध्यम से सीधे खरीद की जा सकती है। ममता ने कहा कि भूमि मालिकों से बातचीत कर सरकार सीधे जमीन खरीदकर विभिन्न परियोजनाओं को पूरा कर सकती हैै।

उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा करना होगा क्योंकि केंद्र की भूमि अधिग्रहण नीति के अभाव में कई परियोजनाएं स्थगित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम केंद्र की भूमि अधिग्रहण नीति के खिलाफ अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं कर सकते इसलिए हमने इस मॉडल को अपनाया है। हमने जमीन अधिग्रहण करते वक्त लोगों को विश्वास में लिया है। ममता ने साफ कहा कि वे जबरन भूमि अधिग्रहण और सेज का दर्जा देने के मुद्दों पर किसी सूरत में समझौता नहीं करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने बंगाल में नई वैकल्पिक भूमि अधिग्रहण नीति बनाई है, जिसमें बातचीत व सहमति के जरिये भूमि अधिग्रहण का प्रावधान है। उनकी पार्टी व सरकार जबरन जमीन छीनने के सख्त खिलाफ है और वह हमेशा उसपर कायम रहेंगी। उन्होंने कहा कि बंगाल में इस मॉडल को हमने शुरू भी कर दिया है।

ममता ने कहा कि राज्य में दो परियोजनाओं अंडाल में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट व कटवा में एनटीपीसी प्रोजेक्ट के लिये उन्होंने इसी मॉडल को अपना जमीन अधिग्रहण किया। उन्होंने कहा कि सेतुओंं, सिंचाई सहित कई अन्य महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के लिये भी हम अपनी भूमि अधिग्रहण पॉलिसी का पालन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लैंड बैंक की स्थापना के साथ भूमि उपयोग नीति व भूमि नक्शा भी तैयार किया है।

छींटमहल से 900 आवेदन मिले

ममता ने बुधवार को कहा कि बांग्लादेश के साथ सीमा भूमि समझौता होने के बाद मंगलवार तक छींटमहल के 900 लोगों ने भारत की नागरिकता लेने के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने पहले ही एक कमेटी गठित कर दी है जो वहां से आने वाले लोगों व अन्य समस्याओं को देखेंगे। छींटमहल में सर्वे का कार्य जारी है।

बिजनेस कॉरिडोर तैयार करेंगे

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल के विकास के लिए वह केंद्र सरकार से जल्द ही डेडिकेटेड बिजनेस कॉरिडोर तैयार करने के लिए बात करेंगी। यह कॉरिडोर पीपीपी मॉडल पर तैयार किया जाएगा। इससे बंगाल में व्यापार बढ़ेगा। भारत व बांग्लादेश के बीच पिछले वित्तवर्ष में 43 हजार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था। इस कॉरिडोर के लिए 2000 करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे।

बालू माफिया पर लगाम लगाएगा पीटीएस

सीएम ने बैठक के दौरान कहा कि बद्र्धमान, वीरभूम समेत अन्य जिलों में बालू माफिया पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस में एक टॉस्क फोर्स गठित किया जाएगा, जो विशेष रूप में बालू के अवैध खनन पर रोक के लिए कार्य करेगा।

मोबाइल बैंक चालू करने की योजना

ममता ने कहा कि राज्य के सुदूर अंचलों में मोबाइल बैंकिंग शुरू करने की योजना है। यहां तक कि ग्र्रामीण इलाकों में यदि किसी बैंक की शाखा खोली जाती है तो सरकार नि:शुल्क जमीन उपलब्ध कराएगी। बैंक नहीं होने की वजह से लोग चिटफंड कंपनियों के झांसे में फंस जाते हैं।

वामो के खिलाफ आक्रामक थीं ममता

प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ काफी आक्रामक दिखीं।

उन्होंने कहा कि वाम मोर्चा ने अपने तीन दशक के शासनकाल में पूरा खजाना ही खाली कर दिया था। उस पर केंद्र से लाखों करोड़ों का कर्ज ले लिया था, जिसकी भरपाई तृणमूल सरकार अभी कर कर रही है। विकास के लिए पैसे नहीं है। बावजूद इसके सत्ता में काबिज होने के बाद से तृणमूल सरकार ने चारों ओर विकास का काम ही किया है। तृणमूल सरकार ने बेवजह कहीं भी पैसे की बर्बादी नहीं की है। पिछली सरकार ने पंगु बना दिया था फिर भी धीरे-धीरे ही सही हम विकास की पटरी पर लौट रहे हैं। हेल्थ, सड़क, शिक्षा, माइनोरिटी व आदिवासियों के विकास के लिए बेहतर काम किया। तृणमूल सरकार ने इतने कम समय में ही 2.5 लाख रोजगार दिये गये। उन्होंने स्वीकार किया कि राज्य पुलिस की कमी से जूझ रहा है। उन्होंने कई अन्य सरकारी उपलब्धियों को भी एक-एक कर गिनवाया।


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