हसीना से मिलीं ममता, तीस्ता पर हुई बातचीत
जेएनएन, कोलकाता। मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी पहली बांग्लादेश यात्रा पर गई ममता बनर्जी ने शनिवार को
जेएनएन, कोलकाता। मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी पहली बांग्लादेश यात्रा पर गई ममता बनर्जी ने शनिवार को ढाका में प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत और बांग्लादेश से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। ममता व हसीना के बीच तीस्ता नदी जल बंटवारा और भूमि सीमा समझौते पर भी चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बैठक हुई। साथ ही हिल्सा मछली को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई।
इधर, हसीना ने ममता के सम्मान में शनिवार को शानदार भोज का आयोजन किया। इससे पहले शुक्रवार आधी रात को ममता ने ढाका में प्रधानमंत्री शेख हसीना व अन्य राजनेताओं की उपस्थिति में भाषा शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। ममता मुख्य रूप से श्रद्धांजलि कार्यक्रम के लिए ही मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रण पर बांग्लादेश यात्रा पर गई हैं। इसके अलावा शनिवार सुबह वे बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान का म्यूजियम देखने भी गईं। उन्होंने बंगबंधु को श्रद्धांजलि अर्पित की। तीन दिन की यात्रा पर गुरुवार को यहां पहुंची ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश को जो उम्मीदें हैं, वे उस दिशा में कदम उठाने को उत्सुक हैं। ममता की यात्रा से तीस्ता नदी जल बंटवारा समझौते के समाधान और जमीनी सीमा समझौते की अभिपुष्टि की दिशा में प्रगति की उम्मीद बढ़ी है।
यात्रा के दौरान ममता ने पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूत करने के लिए कई उपायों का प्रस्ताव दिया है जिनमें बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के नाम पर 'बंगबंधु भवन' का निर्माण भी शामिल है। ममता ने शनिवार को बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद से भी मुलाकात की।
गौरतलब है कि सितंबर, 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान तीस्ता समझौते पर हस्ताक्षर होना तय था, लेकिन आखिरी वक्त में ममता ने इसका विरोध कर दिया था। इसके कारण तीस्ता समझौते को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। ममता ने यह कहते हुए ऐतराज जताया था कि इससे उनके राज्य को नुकसान पहुंचेगा।
वहीं भाजपा ने ममता के बांग्लादेश दौरे को लेकर कटाक्ष किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने ममता के बांग्लादेश दौरे को आइवाश करार दिया और कहा कि एक ओर ममता बनर्जी बांग्लादेश में आग लगाने के लिए वहां के आतंकियों को बंगाल में आश्रय दे रही हैं और दूसरी ओर बांग्लादेश से रिश्ता मजबूत करने की बात कह रही है।