Move to Jagran APP

पूंजीवादी हो गए हैं बहुत से मा‌र्क्सवादी : दलाई लामा

जागरण संवाददाता, कोलकाता। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने खुद को सही मायने में 'मा‌र्क्सवादी' बताते हु

By Edited By: Published: Wed, 14 Jan 2015 05:43 AM (IST)Updated: Wed, 14 Jan 2015 04:53 AM (IST)
पूंजीवादी हो गए हैं बहुत से मा‌र्क्सवादी : दलाई लामा

जागरण संवाददाता, कोलकाता। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने खुद को सही मायने में 'मा‌र्क्सवादी' बताते हुए कहा कि बहुत से मा‌र्क्सवादी नेता अब पूंजीवादी विचारधारा के हो गए हैं। मंगलवार को प्रेसिडेंसी कालेज में 'विश्व शांति के प्रति मानवीय दृष्टिकोण' विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा-'जहां तक सामाजिक-आर्थिक सिद्धांत की बात है तो मैं अभी भी मा‌र्क्सवादी हूं। मैं मा‌र्क्सवाद को इसलिए पसंद करता हूं क्योंकि यह अमीर-गरीब के बीच के अंतर को कम करने पर केन्द्रित है। पूंजीवादी देशों में अमीर-गरीब के बीच का फासला बढ़ रहा है। मा‌र्क्सवाद में समानता पर जोर दिया जाता है जो बहुत महत्वपूर्ण है। अब बहुत से मा‌र्क्सवादी नेताओं की विचारधारा पूंजीवादी हो गई है। यह उनकी प्रेरणा, सोच और व्यापक परिप्रेक्ष्य पर निर्भर करता है।'

loksabha election banner

तिब्बती धर्मगुरु ने कहा-' भारत में महिलाओं एवं निचली जाति के साथ हो रहे भेदभाव की वजह से शांति प्रभावित हो रही है। हालांकि भारत में मुस्लिम पाकिस्तान में शिया समुदाय की तुलना में अधिक सुरक्षित तरीके से जी रहे हैं।'

दलाई लामा ने 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों से 21वीं सदी को शांति की सदी में बदलने का आह्वान करते हुए कहा कि पिछली सदी हिंसा की सदी रही थी लेकिन अगर हम इस सदी को बातचीत की सदी बना दे तो यह शांति की सदी बन जाएगी। मैं अपने जीवित रहते यह नहीं देख पाऊंगा लेकिन हमें अनिवार्य रूप से इस ओर अभी से काम करना चाहिए। 30 वर्ष से कम उम्र वाले 21वीं सदी की पीढ़ी हैं। उन्हें अपनी इच्छाशक्ति, दूरदर्शिता और बुद्धिमत्ता से हिंसा रोकनी चाहिए।

दलाई लामा ने कहा कि मुझे 16 वर्ष की उम्र में भागना पड़ा था। मुझे अपनी आजादी और देश खोना पड़ा था। एक लाख से भी अधिक अनुगामी इस देश में आये थे जहां मुझे विभिन्न धार्मिक पृष्ठभूमि के लोगों एवं विभिन्न परंपराओं से ताल्लुक रखने वाले नेताओं से मिलने का मौका मिला था। चूंकि भारत एक स्वतंत्र देश है इसलिए यहां मुझे पूरी आजादी है।

खुद को प्राचीन भारतीय दर्शन का दूत बताते हुए दलाई लामा ने कहा-'भारत गुरु है और लोग चेला। हम सब चेले बहुत भरोसेमंद हैं। हमने एक हजार वर्षों से भी अधिक समय से गुरू के ज्ञान को बरकरार रखा हुआ है।'

तिब्बती धर्मगुरु ने कहा कि भारतीय अपनी प्राचीन विचारधारा भूलते जा रहे हैं। भारत की प्राचीन विचारधारा आधुनिक से कहीं ज्यादा विकसित है। इसपर और अध्ययन किये जाने की जरुरत है।

पेरिस में हमले के लिए गुस्सा जिम्मेदार

पेरिस में हुए हमले को 'घोर अधर्म' करार देते हुए तिब्बती धर्मगुरु ने कहा कि इस हिंसा के लिए गुस्सा और उपेक्षा जिम्मेदार हैं।

उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए किसी व्यक्ति को नहीं बल्कि उसके गुस्से और उपेक्षा को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। गौरतलब है कि पेरिस में एक पत्रिका के कार्यालय में पिछले हफ्ते हुए हमले में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.