फिर सीबीआइ रिमांड पर मदन
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। हजारों करोड़ रुपये के सारधा चिट फंड घोटाले में शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए राज
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। हजारों करोड़ रुपये के सारधा चिट फंड घोटाले में शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए राज्य के खेल व परिवहन मंत्री मदन मित्रा को मंगलवार को भी कोर्ट से राहत नहीं मिली। चार दिनों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद मदन को कड़ी सुरक्षा में अलीपुर स्थित अदालत में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश हराधन मुखोपाध्याय ने मित्रा की जमानत याचिका खारिज करते हुए 19 दिसंबर तक सीबीआइ रिमांड पर भेज दिया।
उधर, मदन की कोर्ट में पेशी के दौरान शनिवार की तरह मंगलवार को भी सुबह से ही हजारों समर्थक व तृणमूल कार्यकर्ता कोर्ट के बाहर इकट्ठा हो गए। हालांकि, शनिवार की घटना की पुनरावृति तो नहीं हुई लेकिन बावजूद इसके कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी के विरोध में काफी हंगामा किया और पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई। पेशी के दौरान कोई अप्रिय घटना ना घटे इसके लिए 500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। वहीं, समर्थकों को चकमा देने के लिए सीबीआइ मदन को मंगलवार को सीजीओ कांप्लेक्स से अलीपुर कोर्ट करीब 12 वाहनों के काफिले में लाई थी, जिससे कोर्ट के बाहर मौजूद भीड़ यह नहीं समझ पायी कि किस गाड़ी में मदन सवार हैं।
इसके बावजूद मदन को लेकर जैसे ही दोपहर तीन बजे सीबीआइ के वाहनों का काफिला कोर्ट गेट पर पहुंचा, कुछ देर के लिए वहां अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। समर्थक तो मदन के पास नहीं पहुंच पाए, लेकिन उनके वाहनों पर फिर फूलों की वर्षा की। कोर्ट रूम के बाहर वाहन से उतरने के बाद मदन ने भी समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। फिर उन्हें कोर्ट रूप में ले जाया गया और सीबीआइ ने उनकी पांच दिनों की रिमांड की पुन: अर्जी दी। मदन के वकीलों ने भी स्वास्थ्य के आधार पर जमानत देने की अर्जी दी। करीब दो घंटे तक चली लंबी बहस के बाद जज ने मदन की जमानत अर्जी खारिज कर और सीबीआइ की अर्जी स्वीकार करते हुए 19 दिसंबर तक रिमांड में भेजने का निर्देश दिया।
सारधा घोटाले में मदन की प्रत्यक्ष भूमिका : सीबीआइ
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआइ के अधिवक्ताओं ने मंगलवार को दलील दी कि सारधा घोटाले में मंत्री मदन की प्रत्यक्ष भूमिका है और वे हजारों करोड़ के षड्यंत्र में सीधे रूप से संलिप्त हैं।
वकील ने कहा कि मंत्री से पूछताछ व जांच में कई ऐसे तथ्य मिले हैं जिससे उनकी रिमांड की और जरूरत है। साथ ही कहा कि सीबीआइ के पास मदन व सारधा गु्रप के प्रमुख सुदीप्त सेन के बीच फोन पर हुई बातचीत के रिकार्ड भी मौजूद हैं। कुछ इलेक्ट्रोनिक डिजीटल डाटा भी मिला है, जिसकी सत्यता की जांच के लिए सेंट्रल फारेंसिक साइंस लेबोरेटरी में भेजा गया है। इसके अलावा मदन की आवाज भी रिकार्ड किए गए हैं।
ममता का नाम जबरन उगलवाना चाहती है सीबीआइ : मदन
सुनवाई के दौरान कटघड़े में खड़े मंत्री मदन मित्रा ने जज से कहा कि सीबीआइ मुझे मानसिक रूप से हत्या की कोशिश कर रही है। अधिकारी जर्बदस्ती आरोप कबूलपाने के लिए मानसिक अत्याचार कर रहे हैं। मदन ने आरोप लगाया कि सीबीआइ के छह-सात अधिकारी सारधा कांड में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लेने के लिए उनपर दबाव दे रहे हैं। साथ ही पार्टी के अन्य नेताओं का नाम भी बोलने के लिए कह रहे हैं। लेकिन वे मरते दम तक ऐसा नहीं करेंगे। मदन ने जज से गुजारिश की कि मैं काफी बीमार हूं, इसलिए हुजूर मुझे किसी सूरत में जमानत दे दीजिए। मैं भागूंगा नहीं।