मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर हो तत्काल नियुक्ति: राज्यपाल
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस के राज में बीते एक साल से रिक्त पड़
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस के राज में बीते एक साल से रिक्त पड़े पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के स्थायी अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति के लिए अब राज्यपाल को हस्तक्षेप करना पड़ा है।
बुधवार को विश्व मानवाधिकार दिवस पर महानगर में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने राज्य सरकार को पद पर तत्काल नियुक्ति करने को कहा है। राज्यपाल ने मानवाधिकार जैसे महत्वपूर्ण आयोग में करीब एक साल से स्थायी अध्यक्ष की खाली पड़ी कुर्सी को लेकर हैरानी भी जताई। उन्होंने राज्य सरकार को इस संबंध में तत्काल जरूरी कदम उठाने को कहा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्ता न्यायाधीश अशोक कुमार गांगुली के इस्तीफे के बाद से राज्य मानवाधिकार आयोग के स्थायी अध्यक्ष का पद खाली है। लॉ की एक इंटर्न छात्रा द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाये जाने के बाद करीब 10 माह पहले न्यायाधीश गांगुली को इस्तीफा देना पड़ा था। उनके इस्तीफे को लेकर राज्य में राजनीति भी खूब हुई। विरोधी दलों ने आरोप लगाया था कि ममता सरकार के खिलाफ कई कड़े निर्देश देने के कारण जान-बूझकर न्यायाधीश गांगुली को फंसाकर इस्तीफा दिलवाया गया।
दूसरी ओर राज्यपाल के बयान के बाद राज्य सरकार का कहना है कि आयोग के स्थायी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए उन्होंने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व अन्य के साथ भी पूर्व में विचार-विमर्श किया है। इसे लेकर सरकार कई कदम उठा चुकी है। इसके अलावा स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर एक मामला कलकत्ता हाईकोर्ट में भी लंबित है। फिर भी सरकार का कहना है कि राज्यपाल की इस टिप्पणी के बाद वह जरूरी कदम उठाएगी।