कुणाल ने अनशन तोड़ा
जागरण संवाददाता, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के निलंबित राज्यसभा सांसद कुणाल घोष ने आठ दिनों बाद शनिवार
जागरण संवाददाता, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के निलंबित राज्यसभा सांसद कुणाल घोष ने आठ दिनों बाद शनिवार रात अपना अनशन तोड़ दिया। लगातार अनशन की वजह से तबीयत काफी बिगड़ने पर उन्होंने यह कदम उठाया।
प्रेसिडेंसी जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आठ दिनों की अनशन से कुणाल घोष की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। डाक्टरों के बार-बार कहने के बाद भी वे खाना खाने को राजी नहीं हो रहे थे। इसके बाद उनके परिजनों से संपर्क किया गया। उनके समझाने पर भी वे पहले खाना खाने को राजी नहीं हुए लेकिन अंत में मान गए और खाना खाया।
सूत्रों ने बताया कि अनशन की वजह से कुणाल घोष की तबीयत खराब काफी खराब हो गई है लेकिन वे खतरे से बाहर हैं। गौरतलब है कि सारधा चिटफंड घोटाले के तमाम दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कुणाल घोष ने अनशन शुरू किया था।
उनका आरोप था कि उन्हें जिस सेल में रखा गया है, वह सही नहीं है। उन्हें सेल से बाहर भी नहीं जाने दिया जाता है जिस कारण उनकी तबीयत खराब हो रही है। साथ ही सारधा कांड के दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भी उन्होंने अनशन शुरू कर दिया था।
डाक्टरों व परिजन के बार-बार समझाने के बाद भी अपनी जिद पर अड़े हुए थे। शुक्रवार रात उनकी तबीयत खराब होने के बाद उन्हें प्रेसिडेंसी जेल के अस्पताल में भर्ती किया गया था। शनिवार सुबह तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ने के बाद जेल प्रबंधन की तरफ से उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी गई थी। इसके बाद उन्हें एसएसकेएम ले जाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसी बीच राज्य सचिवालय नवान्न से फोन आया और कुणाल घोष को एसएसकेएम ले जाने से मना किया गया।
नवान्न से साफ-साफ कहा गया कि कुणाल घोष के इलाज के लिए एसएसकेएम के डाक्टरों की सात सदस्यीय टीम गठित की गई है। ये डाक्टर कुणाल घोष का जेल अस्पताल में ही इलाज करेंगे।
कहा गया है कि इलाज के बाद वहां से मिलने वाली मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कुणाल घोष को अन्यत्र भर्ती कराने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।