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कुणाल के सुसाइड नोट में ममता व मुकुल का नाम

जेएनएन, कोलकाता। सांसद कुणाल घोष के सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मुकुल रॉय का नाम लिखा है

By Edited By: Published: Sun, 16 Nov 2014 07:04 AM (IST)Updated: Sun, 16 Nov 2014 02:30 AM (IST)
कुणाल के सुसाइड नोट में ममता व मुकुल का नाम

जेएनएन, कोलकाता। सांसद कुणाल घोष के सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मुकुल रॉय का नाम लिखा है। घोष ने इसे सीबीआइ निदेशक को संबोधित करते हुए लिखा है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस नोट का शीर्षक है-ममता और मुकुल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें। सुसाइड नोट में तृणमूल नेता मदन मित्रा का भी नाम है।

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सूत्रों के मुताबिक, सुसाइड नोट में किसी के खिलाफ सीधे आरोप नहीं लगाए गए हैं और न ही घोष ने यह स्पष्ट किया है कि वे इन नेताओं और मुख्यमंत्री के सचिव गौतम सान्याल, मुख्य सचिव संजय मित्रा के खिलाफ कार्यवाही क्यों चाहते हैं। सूत्र ने बताया कि घोष ने इसके अलावा कोलकाता के पुलिस कमिश्नर सुरजीत कर पुरकायस्थ, विधाननगर के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार और उद्योगपति टूटू बोस और उनके बेटे श्रृंजय बोस का नाम भी लिखा है।

चार पेज का यह सुसाइड नोट बांग्ला में लिखा है और घोष के सेल से बरामद हुआ है। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। सूत्र के मुताबिक, सुसाइड नोट में इसके अलावा कुछ भी नया नहीं है, क्योंकि घोष ने इससे पहले भी ममता व मुकुल पर आरोप लगाए थे। घोष ने इसमें वही सब लिखा है, जो उन्होंने हाल ही में 91 पेज का पत्र सीबीआइ को लिखा था।

इस सुसाइड नोट को 28 बिंदुओं का उल्लेख घोष ने किया था। घोष ने नोट में अपनी अंतिम इच्छा के तहत एनआरएस मेडिकल कॉलेज को देहदान की इच्छा जाहिर की है। साथ ही उन्होंने लिखा है कि उनकी मौत के बाद उनके सभी कागजात और दस्तावेज उनके वकील सौम्यजीत राहा और एक दोस्त को सौंप दिए जाएं।

एक अन्य अधिकारी के मुताबिक, परिस्थितिजन्य सबूत बताते हैं कि घोष ने ही यह चार पेज का सुसाइड नोट लिखा। उन्होंने बताया कि खुदकुशी करने से पहले रात 11.45 बजे उन्होंने हॉरलिक्स पिया था और दो मिल्की बार भी खाई थी। इसके बाद घोष ने वहां मौजूद प्रहरी से बात भी की थी और पूछा था कि वह कैसे अपना पत्र जेल अधीक्षक को सौंप सकते हैं। इस पर प्रहरी ने उन्हें बताया था कि जेल अधीक्षक सुबह 10 बजे के बाद उपलब्ध होते हैं। सूत्रों के मुताबिक, प्रहरी ने बताया कि उसे अंदाजा नहीं था कि पत्र घोष का सुसाइड नोट हो सकता है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुसाइड नोट से इतना तो जाहिर है कि घोष अपने खिलाफ दर्ज मामलों से परेशान थे और न ही उन्हें अंदाजा थे कि उनके साथ एक अपराधी की तरह बर्ताव होगा। इसलिए उन्होंने अपने जीवन को समाप्त करने का निर्णय लिया। सुसाइड नोट में घोष ने अपने खिलाफ चल रहे 19 मामलों का जिक्र भी किया है, जिसमें से 17 राज्य सरकार या सीबीआइ द्वारा दायर किए गए हैं। उन्होंने लिखा है कि 16 मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है, लेकिन वह अभी तक बाहर नहीं निकल सके हैं।

बता दें कि घोष ने कुछ माह पहले आरोप लगाया था कि जिन लोगों को सारधा से सबसे ज्यादा फायदा हुआ है, उनमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रमुख हैं। साथ ही घोष ने मांग की थी उन्हें और ममता को आमने-सामने बैठकर सवाल-जवाब किए जाएं।


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