बंगाल में 58 आतंकी शिविर होने के सुराग
कोलकाता, जागरण ब्यूरो। बर्द्धमान जिले के खागरागढ़ में हुए विस्फोट की जांच के दौरान खुफिया विभाग को
कोलकाता, जागरण ब्यूरो। बर्द्धमान जिले के खागरागढ़ में हुए विस्फोट की जांच के दौरान खुफिया विभाग को पता चला है कि पश्चिम बंगाल में एक-दो नहीं करीब 58 आतंकी प्रशिक्षण शिविर व आइईडी निर्माण केंद्र हो सकते हैं। इधर विस्फोट व आतंकियों के फैले संजाल का रहस्य गहराता जा रहा है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी को बर्द्धमान कांड की जांच के दौरान मुर्शिदाबाद में भी एक आतंकी मॉड्यूल का पता चला है। एनआइए ने मुर्शिदाबाद में भी दो-तीन मदरसों की तलाश ली, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिली क्योंकि, खुफिया विभाग को पता चला है कि बांग्लादेश के जमात-उल-मुजाहिद्दीन 58 ऐसे केंद्र स्थापित कर चुका है, जहां आइईडी तैयार करने से लेकर आतंकियों को प्रशिक्षित किया जा रहा था। सिर्फ मुर्शिदाबाद में 43 ऐसे केंद्र हो सकते हैं। इस गुट के ताल्लुक एक मदरसे इस्लामी छात्र शिविर से हैं। मदरसों की इस श्रृंखला ने न सिर्फ इस गुट को भारत में दाखिल होने में मदद की बल्कि कुछ महिलाओं को खासतौर पर फिदायीन हमलावरों के तौर पर नियुक्त करने की तैयारी भी कर रखी है। यह वही मदरसा है, जिसका संबंध सीधे तौर पर तमिलनाडु के गुट अल-उम्माह से होने की बात सामने आ रही है।
एनआइए की जांच में पता चला है कि बंगाल के कई हिस्सों में गुट की कई शाखाएं वर्षो से मौजूद हैं। इसकी मुख्य इकाई मुर्शिदाबाद में हो सकती है। इस गुट का संचालन 2010 में शुरू हुआ था। मदरसों से मिली मदद की वजह से गुट ने बंगाल में जड़ें जमाई और 2011 के अंत से काम शुरू कर दिया। तब से लेकर अब तक करीब 180 बांग्लादेशी इस साजिश का हिस्सा बन चुके हैं। इसके संचालन में जो व्यक्ति सबसे खास है, उसका नाम अनीसुर है। यह वही व्यक्ति है, जो जिहाद के लिए नियुक्त युवकों-युवतियों के रहने का इंतजाम करता था।