पश्चिम बंगाल में बस भाड़ा बढ़ा
जागरण संवाददाता, कोलकाता। राज्य सरकार ने बस मालिक संगठनों के हड़ताल के प्रति अडिग रुख को देखते हुए अंतत: बस भाड़े में वृद्धि कर दी। प्रत्येक चरण के भाड़े में एक रुपये की बढ़ोतरी की गई है। वृद्धि गैर-सरकारी बसों के साथ-साथ सरकारी बसों के लिए भी की गई है। नए भाड़े को लेकर राज्य सरकार की ओर से जल्द विज्ञप्ति जारी कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बस मालिक संगठनों के साथ सोमवार को राज्य सचिवालय नवान्न में बैठक की, जिसमें बस भाड़ा बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
बैठक के बाद तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि बस भाड़े में न्यूनतम एक रुपये की वृद्धि की जा रही है। न्यूनतम बस भाड़े को पांच रुपये से बढ़ाकर छह रुपये किया जा रहा है। इसके बाद प्रत्येक चरण में एक रुपये की बढ़ोतरी की गई है, यानी छह रुपये के किराए को बढ़ाकर सात रुपये, आठ रुपये को बढ़ाकर नौ रुपये किया गया है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही एक कमेटी गठित की जा रही है, जो पेट्रोलियम पदार्थो की वृद्धि का अध्ययन करने के बाद बस भाड़े में वृद्धि की सिफारिश करेगी। उसी सिफारिश पर आगे से अमल किया जायेगा। डीजल का दाम बढ़ने पर बस भाड़े में भी उसी अनुपात में वृद्धि की जाएगी और डीजल का दाम घटने पर भाड़े में उसी अनुपात में कमी की जाएगी। यह नियम अगले साल बांग्ला नववर्ष से लागू किया जायेगा।
चटर्जी ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों के दाम 23 बार बढ़े हैं लेकिन बस भाड़े में एक बार भी वृद्धि नहीं की गई है। बस मालिकों व जनता के हित को ध्यान में रखकर यह निर्णय किया गया है। 16 से 20 व 20 से 26 किलोमीटर के भाड़े में अधिक वृद्धि की गई है। हालांकि चटर्जी ने इसका ब्योरा नहीं दिया।
परिवहन सचिव अलापन बंद्योपाध्याय ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों के घटते-बढ़ते मूल्य के आधार पर बस भाड़े के निर्धारण की व्यवस्था अन्य राज्यों में भी की गई है, जिसपर अध्ययन किया जा रहा है। उधर बस मालिक संगठनों भाड़े में की गई वृद्धि से संतुष्ट नहीं हैं।
ज्वाइंट काउंसिल आफ बस सिंडिकेट के संयुक्त सचिव तपन कुमार बनर्जी ने कहा कि बढ़ाया गया भाड़ा नाकाफी है। इससे परिवहन व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं होगी। न्यूनतम किराया आठ रुपये किया जाना चाहिए था। राज्य सरकार ने जो निर्णय लिया है, उसे फिलहाल मान लिया जा रहा है। प्रति बस पर साढ़े तीन लाख रुपये का सालाना घाटा हो रहा है। करीब 30 प्रतिशत बसों का चलना बंद हो गया है। उम्मीद है कि भाड़े में वृद्धि की वजह से और बसें नहीं चलनी बंद होगी। एक-एक बस पर दस हजार रुपये तक का ट्रैफिक पुलिस जुर्माना लगा चुकी है। इसकी शिकायत भी मुख्यमंत्री से की गई है। उन्होंने कहा है कि आगे इसका ध्यान रखा जायेगा।