जज की सीट पर फिल्म निर्माता के बैठने पर सवाल
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी टालीवुड के फिल्म सितारों की चमक बरकरार रही। 15 अगस्त को रेड रोड में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित सरकारी समारोह में फिल्मी हस्तियों का प्रभाव इतना ज्यादा रहा कि उन्हें जज के लिए निर्धारित कुर्सी पर बैठने में जरा भी संकोच नहीं हुआ। समारोह में न्यायाधीशों के लिए कुर्सियां निर्धारित की गयी थी। वहां लिख कर भी स्पष्ट किया गया था कि कुर्सियां न्यायाधीशों के बैठने के लिए है। इसके बावजूद फिल्म निर्माता श्रीकांत मोहता जज की कुर्सी पर बैठ गए।
माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारी समारोह का एक प्रोटोकाल होता है। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित सरकारी समारोह में भी फिल्म सितारों को अपने साथ रखना नहीं भूली। फिल्म से जुड़े व्यक्ति भी सम्मान के हकदार हैं लेकिन किस जगह पर किसका सम्मान होना चाहिए इसकी समझ तो मुख्यमंत्री को होनी चाहिए। समारोह में न्यायाधीशों के लिए निर्धारित कुर्सी पर फिल्म निर्माता या किसी भी व्यक्ति का बैठना उचित नहीं है। स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा का अपना महत्व होता है। स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा ही लहराता है। मुख्यमंत्री इस मौके पर भी अपना मन पसंद रंग नील सफेद रंग का जलवा बिखेरने से नहीं चुकीं। स्वतंत्रता दिवस समारोह को भी उन्होंने पार्टी का समारोह में बदल दिया।
भाजपा के तथागत राय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस समारोह को भी नौटंकी बना दिया है। तृणमूल कांग्रेस से इससे ज्यादा की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भंट्टाचार्य ने कहा कि फिल्म से जुड़े व्यक्तियों अपना अलग महत्व है। उन्हें भी सम्मान मिलना चाहिए लेकिन सरकारी समारोह में कुछ नियमों को मानना पड़ता है। न्यायाधीश के लिए निर्धारित कुर्सी पर फिल्म से जुड़े व्यक्ति का बैठना आपत्तिाजनक है। मुख्यमंत्री नियमों का उल्लंघन करने की छूट दे रही है। जहां विदेश से निवेश लाने की बात है तो वहां तो विशेषज्ञ व्यक्ति को ही जाना चाहिए। फिल्म से जुड़े लोग उस जगह पर जा कर क्या करिश्मा करेंगे, मुख्यमंत्री को यह समझना चाहिए।