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ममता ने की मनोनीत राज्यपाल केसरीनाथ से बात

By Edited By: Published: Wed, 16 Jul 2014 05:57 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jul 2014 02:00 AM (IST)
ममता ने की मनोनीत राज्यपाल केसरीनाथ से बात

जागरण संवाददाता, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मनोनीत राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फोन पर बातचीत की और उन्हें शुभकामना के साथ-साथ स्वागत किया।

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ममता ने त्रिपाठी से फोन पर कहा कि मेरा दार्जिलिंग में पूर्व घोषित कार्यक्रम है इसीलिए वह इस सप्ताह कोलकाता में मौजूद नहीं रहेंगी। इस पर उन्होंने सीएम से कहा कि अगले सप्ताह ही वह कार्यभार संभालेंगे।

वहीं जिलों के दौरे पर रही ममता की त्रिपाठी से करीब तीन-चार मिनट फोन पर बातचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक ममता ने उन्हें बधाई दी और अपनी सरकार के साथ उनके सहयोग की अपेक्षा की। ममता ने खुद बताया कि बातचीत हुई है और वह शपथग्रहण समारोह के बारे में जानकारी देंगे।

उल्लेखनीय है कि कल ही राष्ट्रपति भवन से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर अपने नाम की घोषणा के बाद केसरीनाथ त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि ममता आक्रामक हैं लेकिन मैं मानता हूं कि वे एक निर्भीक नेत्री हैं और अपने सिद्धांतों के प्रति अडिग हैं। उन्होंने उन आशंकाओं को भी खारिज किया कि भविष्य में बंगाल में उनके समक्ष टकराव के मार्ग तैयार हो सकते हैं। मुख्यमंत्री की उनसे आज की वार्ता इसी क्रम में मानी जा रही है।

अभी चंद दिन पहले तक तृणमूल व वाममोर्चा ने बंगाल में कल्याण सिंह के बतौर राज्यपाल नाम मीडिया में आने पर तीखा विरोध जताया था। इसके बाद राज्य सरकार के पास विजय कुमार मल्होत्रा और केसरीनाथ त्रिपाठी के नाम पर सुझाव मांगा गया। बताया जाता है ममता ने यूपी विधानसभा के पूर्व स्पीकर त्रिपाठी के नाम पर सहमति दिखाई। बहरहाल यहां के तृणमूल नेता यह भी कह रहे हैं कि ममता का केसरीनाथ त्रिपाठी के साथ कोई विशेष परिचय नहीं है लेकिन त्रिपाठी ने कहा है कि वे ममता के साथ कई संसदीय फोरम में काम कर चुके हैं और उनके साथ अच्छे परिचय है। बहराहल अपने लम्बे राजनीतिक कैरियर में त्रिपाठी कोलकाता सिर्फ दो बार ही आए हैं।

त्रिपाठी के साथ फोन पर सौजन्यतामूलक वार्ता के बाद मुख्यमंत्री ने तृणमूल के महासचिव व वरिष्ठ नेता मुकुल राय को निर्देश दिया है कि केंद्र से राज्यपाल की नियुक्ति के मुद्दे पर बयानबाजी न की जाए। मुख्यमंत्री ने अपनी सभा के दौरान भी यह संकेत दिया कि केंद्र और बंगाल सरकार के बीच संबंध बेहतर हैं और कहीं कोई दिक्कत नहीं है।


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