विस में लगातार दूसरे दिन हुआ कल्याण सिंह का विरोध
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। वाममोर्चा विधायक दल ने कल्याण सिंह का नाम नहीं लेते हुए उन्हें यहां का राज्यपाल बनाए जाने की संभावना के विरोध में धारा 194 के तहत विधानसभा में जो नोटिस दी थी उस पर बुधवार को बहस हुई। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने मंगलवार को नोटिस खारिज कर दी लेकिन बुधवार को वामो विधायकों द्वारा फिर यह मुद्दा उठाने पर स्पीकर ने बहस की अनुमति दे दी।
माकपा विधायक अनिसुर्रहमान ने बहस में भाग लेते हुए कहा कि अक्सर देखा जाता है कि केंद्र में नई सरकार बनने के बाद राज्यपाल को भी बदल दिया जाता है। हालांकि वामपंथी राज्यपाल के पद की जरूरत ही नहीं समझते हैं। सुनने में आया है कि एक सांप्रदायिक व्यक्ति को यहां का राज्यपाल बनाने की तैयारी चल रही है। पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में जहां विभिन्न धर्म व भाषा के लोग एक साथ रहते हैं वहां किसी सांप्रदायिक व्यक्ति को राज्यपाल बनाना उचित नहीं है। केंद्र को इस मामले में राज्य सरकार से विचार-विमर्श करना चाहिए।
कांग्रेस विधायक दल के नेता मोहम्मद शोहराब ने कहा कि किसी के राज्यपाल बनने की संभावना पर पहले से धारणा बना लेना ठीक नहीं है। राज्य में कौन राज्यपाल बनेगा इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। हालांकि उनका मानना है कि सारकारिया आयोग की सिफारिशों पर अमल करते हुए राज्य सरकार को विश्वास में लेकर राज्यपाल की नियुक्ति होनी चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस विधायक शिलभद्र दत्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सहमति से किसी धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति को राज्यपाल बनाया जाना चाहिए। इस मामले में भी देखा जा रहा है कि केंद्र राज्य की उपेक्षा कर रहा है। केंद्र को ऐसा व्यक्ति को यहां राज्यपाल बना कर भेजना चाहिए जो राज्य में आपसी सद्भाव की परंपरा को बनाए रखने में विश्वास करता हो। अन्य विधायकों ने भी इसका समर्थन किया।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को इस मुद्दे पर स्पीकर के बहस कराने की अनुमति नहीं देने पर वाममोर्चा विधायकों ने शोरगुल मचाया और सदन से वाकआउट किया था। बुधवार को इस मुद्दे पर सदन में बहस हुई तो अधिकांश सदस्यों ने इस सहमति जतायी।