कुछ अफसरों के बदलने से सरकार नहीं बदलेगी : ममता
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: चुनाव आयोग के निर्देशानुसार आठ पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला करने के बाद मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को एक बार फिर आयोग पर जमकर भड़ास निकाला। उन्होंने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए लोगों से अनुरोध किया कि वह बंगाल के सभी 42 लोकसभा सीटों पर तृणमूल काग्रेस के उम्मीवारों को निर्वाचित कर दिल्ली के षड्यंत्र को उचित जवाब दें।
बर्द्धमान जिले में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि याद रखिए अधिकारियों का तबादला कर सरकार का स्थानातरण नहीं किया जा सकता। मैं पश्चिम बंगाल में थी, मैं हूं और मैं रहूंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग इस अपमान को चुपचाप बर्दाश्त नहीं करेंगे और लोकतात्रिक तरीके से बदला लेंगे।
उन्होंने कहा कि मतपेटिया खुलने पर आपको पता चलेगा। पहले हमने सोचा था कि 35-36 सीटों पर जीत मिलेगी। लेकिन अब लोग हमें सभी 42 सीटों पर जीत दिलाएंगे। माकपा, काग्रेस और भाजपा पर तीखे हमले करते हुए ममता ने आरोप लगाया कि उन्होंने तृणमूल काग्रेस के खिलाफ हाथ मिला लिया है और उनकी पार्टी तथा सरकार के खिलाफ अफवाहें फैला रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जबसे उनकी सरकार ने जंगलमहल में शाति स्थापित की है विपक्षी दलों ने (चुनाव आयोग से) एक के बाद एक कई शिकायतें की और उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया। एक ओर जहां ममता आयोग पर बरस रही थीं तो दूसरी ओर कोलकाता से सटे हावड़ा के नवान्न के निकट तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता चुनाव उपायुक्त व बंगाल के प्रभारी विनोद जुत्शी को हटाने की मांग पर सड़क पर उतर गए। मुख्यमंत्री सचिवालय नवान्न के पास तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और जुत्शी का पुतला फूंका और उन्हें बंगाल में चुनाव की जिम्मेदारी से हटाने की मांग की। हालांकि, तृणमूल जिले के अध्यक्ष व मंत्री अरूप राय कहना है कि इस विरोध प्रदर्शन में उनके पार्टी समर्थक नहीं शामिल थे।
इधर मुख्यमंत्री सचिवालय नवान्न से 100 मीटर के दायरे में धारा 144 भंग कर तृणमूल कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने विनोद जुत्शी का पुतला फूंका। क्योंकि, कल ममता ने जुत्शी को तत्काल हटाने की मांग की थी इसके बाद तृणमूल कार्यकर्ताओं ने जुत्शी का पुतला फूंका। हावड़ा जिला कांग्रेस नेतृत्व ने धारा 144 भंग कर नवान्न के सामने विरोध करने पर चुनाव आयोग में शिकायत की है।
वहीं उसी सभा में ममता ने गोरखा लोगों की माग पर भाजपा की ओर से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का वादा किए जाने पर कहा कि वह राज्य का बंटावारा नहीं होने देंगी और वह इसके लिए मरने को भी तैयार हैं।