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कांग्रेस के निर्देश पर आयोग कर रहा है कार्य: ममता

By Edited By: Published: Tue, 08 Apr 2014 09:39 PM (IST)Updated: Tue, 08 Apr 2014 09:39 PM (IST)
कांग्रेस के निर्देश पर आयोग कर रहा है कार्य: ममता

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतत: पांच जिलों के एसपी व एक जिले के डीएम व दो एडीएम की बदली संबंधी चुनाव आयोग के निर्देश को मान लिया। संवैधानिक संकट उत्पन्न होने की आशंका देखते हुए मुख्यमंत्री चुनाव आयोग का निर्देश मानने को तैयार हुईं लेकिन उन्होंने आयोग की आलोचना में कोई कसर नहीं छोड़ी। कहा कि आयोग कांग्रेस के इशारे पर कार्य कर रहा है। कांग्रेस, भाजपा, माकपा मिल कर साजिश रच रहे हैं। हमारे अच्छे पुलिस अफसरों को हटाया गया है। तबादले के बाद यदि कानून-व्यवस्था में गड़बड़ी होती है तो इसके लिए आयोग होगा जिम्मेवार।

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चुनाव प्रचार के लिए जिलों के दौरा पर निकली मुख्यमंत्री ने देर शाम दुर्गापुर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार को बिना सूचित किए चुनाव आयोग ने पांच एसपी व एक डीएम की बदली का निर्देश दिया है। सरकार ने इस पर अपना मत दिया। पांच अधिकारियों की बदली करने का चुनाव आयोग का निर्देश मानने में उन्हें कोई असुविधा नही हैं। वह चुनाव आयोग के निर्देश पर पांच अधिकारियों की बदली का निर्देश मानेंगी, लेकिन चुनाव बाद अधिकारियों को फिर पुरानी जगह पर तैनात किया जाएगा। योग्य अधिकारियों को वह और सम्मान देंगी।

सुश्री बनर्जी ने फिर आरोप लगाया कि चुनाव आयोग कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहा है। कांग्रेस, भाजपा और माकपा का षड्यंत्र सफल नहीं होगा। तृणमूल कांग्रेस सभी सीटों पर जीतेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संवैधानिक संस्था का वह सम्मान करती हैं लेकिन संवैधानिक संस्था यदि राजनीतिक खेल खेलेगा तो वह चुप नहीं रह सकतीं। कुछ कारणों से अन्य प्रांत के लोग नहीं बोलते हैं लेकिन उन्हें किसी का डर नहीं है। इसलिए किसी के गलत करने पर वह विरोध करने से नहीं चूकती हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य के कुछ जिलों में मतदान की तिथि पर सवाल उठाया और कहा कि कांग्रेस व कुछ अन्य दलों की सुविधा को ध्यान में रख कर राज्य में मतदान की तिथि तय की गयी है। चुनाव उपायुक्त विनोद जुत्शी का नाम नहीं लेते हुए ममता ने कहा कि चुनाव आयोग के एक अधिकारी पर गैर जमानती वारंट था। ऐसे दागी अधिकारी को कैसे चुनाव की जिम्मेदार दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का काम बेहतर ढंग से चुनाव कराना है। राज्य की कानून व्यवस्था में हस्तक्षेप करने का उसका अधिकार नहीं है। लोकतांत्रिक सरकार में अनावश्यक हस्तक्षेप होगा और संवैधानिक संस्था राजनीतिक खेल खेलेगी यह नहीं हो सकता।

हालांकि, इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को फिर कहा कि वो संविधान का सम्मान करती हैं लेकिन अपने राज्य का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगी। ममता बनर्जी ने आज बांकुड़ा में एक चुनावी सभा के दौरान कहा कि मैं जानती हूं कि संविधान क्या है। मैं संविधान का सम्मान करती हूं। लेकिन किसी को ये अधिकार नहीं है कि वो बंगाल का अपमान करे। मैं आपका सम्मान करती हूं इसका मतलब ये नहीं कि मैंने आपको अपने अपमान का अधिकार दे दिया। उन्होंने कहा कि मैं जब तक जीऊंगी सिर ऊंचा कर के जीऊंगी। दिल्ली की धमकियों से नहीं डरती। सोमवार को ममता ने आठ अधिकारियों को चुनावी ड्यूटी से हटाए जाने के आयोग के आदेश को न मानने की धमकी दी थी।

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