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पृथ्वीश व सोहम को मिला राष्ट्रपति स्वर्ण पदक

दुर्गेश चन्द्र शुक्ला, खड़गपुर (प. मेदिनीपुर) : देश को नई बौद्धिक संपदा की थाती सौंपने के साथ भ

By Edited By: Published: Sat, 30 Jul 2016 06:47 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jul 2016 06:47 PM (IST)
पृथ्वीश व सोहम को मिला राष्ट्रपति स्वर्ण पदक

दुर्गेश चन्द्र शुक्ला, खड़गपुर (प. मेदिनीपुर) : देश को नई बौद्धिक संपदा की थाती सौंपने के साथ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-खड़गपुर ने शनिवार को अपने 62वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के दौरान एक और नया इतिहास रच दिया। समान बौद्धिक क्षमता वालों को बराबर का सम्मान देने की मिसाल कायम करते हुए आइआइटी-खड़गपुर ने इस बार कंप्यूटर साइंस व इंजीनिय¨रग के छात्र पृथ्वीश मुखर्जी व सोहम दास को बी.टेक (ऑनर्स) व बी.आर्क (ऑनर्स) के छात्रों के बीच बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन के लिये राष्ट्रपति स्वर्ण पदक 2015-16 प्रदान किया। समारोह के दौरान संस्थान के निदेशक प्रो. पीपी चक्रवर्ती द्वारा अचानक की गई इस घोषणा से एक ओर जहां सभी अचंभित हो उठे, वहीं करतल ध्वनि के बीच स्वागत भी किया।

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प्रो. चक्रवर्ती ने कहा कि निर्णायक मंडली के सदस्यों ने पृथ्वीश मुखर्जी को इस पदक के लिये चयनित किया था, परंतु समान अंक प्राप्त करने वाले सोहम दास को लेकर खासा असमंजस हो गया था। शनिवार सुबह हुई बोर्ड ऑफ गर्वनर्स की बैठक में सोहम को भी राष्ट्रपति स्वर्ण पदक देने पर सहमति बनी और समारोह के दौरान ही इसकी औपचारिक घोषणा की गई। हजारों की भीड़ में जब निदेशक ने सोहम को पदक लेने के लिये आमंत्रित किया, तो अचानक मिली इस खुशी की चमक उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी। इस बार राजोश्री पाउल को डॉ. बीसी राय मेमोरियल गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री स्वर्ण पदक सचिन कुमार को मिला। डॉ. ज्ञान चंद्र घोष मेमोरियल गोल्ड मेडल केमिकल इंजीनिय¨रग के छात्र आदित्य बनर्जी को प्रदान किया गया। रसायन विज्ञान विभाग के असीम माईती को प्रो. जगदीश चंद्र बोस मेमोरियल गोल्ड मेडल तथा केमिकल इंजीनिय¨रग के छात्र अंकित कुमार अग्रवाल को निदेशक गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही संस्थान की ओर से शनिवार को दीक्षांत समारोह के प्रथम दिन 522 बी.टेक (आनर्स), 489 को डुअल डिग्री, 30 बी.आर्क (आनर्स), 181 पंच वर्षीय इंटीग्रेटेड एम.एससी, 113 दो वर्षीय एम.एससी, 28 एमएस रिसर्च स्टूडेंट्स,

298 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्रियां प्रदान की गईं। खास बात यह रही कि पीएचडी की उपाधियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में इस बार 20 फीसद का इजाफा हुआ है।


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