सीखने के साथ प्रतिभा प्रदर्शन का महान मंच है ग्रेट स्टेप : प्रो. श्रीकांत
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-खड़गपुर के कालीदास प्रेक्षाग्रह में शनिवार
संवाद सहयोगी, खड़गपुर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-खड़गपुर के कालीदास प्रेक्षाग्रह में शनिवार की संध्या तीन दिवसीय 10वें ग्रेट स्टेप का शानदार शुभारंभ किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि संस्थान के उप निदेशक प्रो. श्रीकुमार भट्टाचार्य, सम्मानित अतिथि के रूप में माइ¨नग विभाग के सेवानिवृत्त उपनिदेशक टीके मजूमदार, माइ¨नग विभाग के प्रमुख प्रो. खगेंद्र पाठक, अध्यक्ष प्रो. श्रीकांत अन्नावारापु के साथ आयोजन समिति से जुड़े पदाधिकारी छात्र उपस्थित रहे।
समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. श्रीकांत ने कहा कि दूसरे विभागों की तुलना में देखा जाय तो खनन विभाग की चुनौतियां अधिक जटिल व प्रभावशाली हैं। इस क्षेत्र में एक छोटी सी भूल का खामियाजा कई हजार लोगों से लेकर कई पीढि़यों तक भुगतना पड़ सकता है। समस्या का सटीक समाधान खोजना हमारी कार्यशैली है। ग्रेट स्टेप की अवधारणा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक दशक पहले संस्थान के प्रो. जयंत भट्टाचार्य ने इसकी पहल शुरू की थी। 2008 में इसका पहला आयोजन हुआ। इस मंच का उद्देश्य खनन क्षेत्र से जुड़े विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं व विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना और किसी समस्या के समाधान के बाबत एक राय कायम करना है। वास्तव में ग्रेट स्टेप खनन के संबंध में सबसे बड़ा तकनीकी उत्सव है जिसे आइआइटी-खड़गपुर के खनन इंजीनिय¨रग विभाग द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। विभागीय अध्यक्ष प्रो. खगेंद्र पाठक ने कहा कि यह जीओ रिसोर्स इंजीनिय¨रग, टेक्नोलॉजी स्टूडेंट्स व एम्प्लॉयर पार्टनरशिप के लिए परिचित है। 70 अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों के साथ देश के विभिन्न राज्यों से करीब 300 प्रतिभागियों ने इसमें हिस्सा लिया है। तीन दिवसीय इस आयोजन में तीन केस स्टडीज होगी, जिसमें मिनो, एनविरो व पेट्रो शामिल हैं। इसके साथ ही
दूर के प्रतिभागियों के लिए तीन ऑनलाइन कार्यक्रम हैं जिनमें क्विज स्पील, मिन्सशॉट व टी-डि•ाइन शामिल हैं। औद्योगिक डिजाइन की समस्या जैसे कई अन्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय खनन इनोवेशन चैलेंज, आम तौर पर खनन उद्योग में आ रही बाधाओं से निपटने के लिए एक अवसर प्रस्तुत करता है। छह कार्यशालाओं का आयोजन होगा, जिसमें डॉटा एनालिटिक्स, खनन मशीनरी, खोलें खदान योजना, विस्फोट डिजाइन, औद्योगिक प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के साथ भौगोलिक तकनीकी उपकरणों का इंटरनेट के माध्यम से उपयोग करने पर चर्चा होगी।