मजदूरों में फिर पैठ बनाने की जुगत में माकपा
संवाद सहयोगी, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिले में माकपा फिर से मजदूरों में अपनी पैठ बनाने क
संवाद सहयोगी, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिले में माकपा फिर से मजदूरों में अपनी पैठ बनाने की जुगत में है। इसके लिए पार्टी द्वारा मजदूरों के बीच अभियान तेज कर दिया गया है। मजदूरों के हक को लेकर आए दिन माकपा की ओर से कहीं न कहीं आंदोलन किया जा रहा है।
बताते चले कि कभी माकपा को मजदूरों की पार्टी ही कहा जाता था। पश्चिम मेदिनीपुर जिले में विभिन्न संगठित व असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 80 फीसद मजदूर माकपा से ही जुड़े थे। लेकिन राज्य में 2011 में हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के हाथों माकपा की हुई करारी हार के बाद पश्चिम मेदिनीपुर जिले में भी मजदूरों के बीच माकपा का जनाधार कम हो गया। निर्माण, बीड़ी, कृषि, परिवहन आदि क्षेत्रों में काम करने वाले 70 फीसद मजदूर तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में आ गए। इन सभी असंगठित क्षेत्रों में तृणमूल कांग्रेस ने भी अपनी यूनियन बनाकर मजदूरों के बीच अपनी पैठ बना ली, लेकिन मजदूरी व वेतन में बढ़ोतरी न होने, सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ न मिलने, एक समान काम के लिए एक समान मेहनताना न मिलने आदि बातों को लेकर काफी तादाद में असंगठित मजदूरों में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ नाराजगी देखी जा रही है। विगत दिनों माकपा ने खड़गपुर के इंदा में निर्माण व रेलवे के ठेका मजदूरों के हक को लेकर प्रदर्शन भी किया था। जिसमें काफी तादाद में मजदूर जुटे थे। इससे पहले तहसील में कृषि मजदूरों को लेकर भी माकपा ने जोरदार आवाज उठाई थी। पश्चिम मेदिनीपुर जिला माकपा सचिव परिषद के सदस्य अनित बरण मंडल ने कहा कि माकपा ही वास्तविक रूप में गरीबों व मजदूरों की पार्टी है। कतिपय कारणों से कुछ मजदूर दल से दूर हो गए थे, लेकिन अब फिर से काफी मजदूर माकपा से जुड़ रहे हैं। मजदूरों के हक को लेकर माकपा बराबर आवाज उठाती रहेगी।