दीक्षांत समारोह में मिला देशभक्ति का संदेश
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर (प.मेदिनीपुर) : उच्चतर शिक्षण संस्थानों में भारी भरकम शब्दों
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर (प.मेदिनीपुर) : उच्चतर शिक्षण संस्थानों में भारी भरकम शब्दों के साथ व्याख्यान के साथ अपनी भाषा में देशभक्ति गीत की उम्मीद नहीं की जा सकती, लेकिन शनिवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत आइआइटी, खड़गपुर के 62वें दीक्षांत समारोह में यह बखूबी देखने को मिला। जब अपने संबोधन के बीच संस्थान के निदेशक प्रो. पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती ने 'हम लाएं हैं तूफान से किश्ती निकाल के, इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के' सरीखा देशभक्ति गीत छात्र-छात्राओं को सुना कर समारोह को भाव-विभोर कर दिया।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि इंफोसिस के सह संस्थापक सेनापति कृष गोपालकृष्णन और आइआइटी बोर्ड ऑफ गवर्नस के चेयरमैन डॉ. श्रीकुमार बनर्जी समेत बड़ी संख्या में विद्यार्थी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में भी इस गीत का विशेष रूप से जिक्र किया।
अपने निदेशकीय प्रतिवेदन में आइआइटी-खड़गपुर के निदेशक प्रो. पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती ने संस्थान से निकले छात्रों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कभी आपकी जगह मैं था। अब समाज व राष्ट्र के प्रति आपका दायित्व बढ़ गया। मेक इन इंडिया का जिक्र करते हुए प्रो. चक्रवर्ती ने कहा कि ग्रामीण प्रौद्योगिकी और उच्चतर आविष्कार योजना का महती दायित्व हम पर है। ऐसी कुल 66 योजनाओं पर कार्य चल रहा है। ऊर्जा और पर्यावरण समेत विकास के विभिन्न सोपानों पर अनेक लक्ष्य हमें साधने हैं। आइआइटी-खड़गपुर ने इस चुनौती को स्वीकार किया है। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सेनापति कृष गोपालाकृष्णन ने कहा कि पहली बार आइआइटी-खड़गपुर का हिस्सा बन कर खुश हूं। संस्थान के गौरवशाली इतिहास को उद्धत करते हुए गोपालाकृष्णन ने कहा कि विनोद गुप्ता, सुंदर पिचाई, अर्जुन मल्होत्रा और अर¨वद केजरीवाल आदि इसी संस्थान से निकले हैं। उन्होंने कहा कि 2003 में आइआइटीस के 50वें वार्षिक अधिवेशन में बिल गेट्स ने कहा था कि समाज को बदलने में आइआइटी का योगदान अतुल्य है। सुरक्षित करियर ही नहीं विश्व को बदलने में भी आपकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अपने संबोधन में आइआइटी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन डॉ. श्रीकुमार बनर्जी ने कहा कि आइआइटी केवल महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थान ही नहीं, बल्कि विश्व और देश का जिम्मेदार नागरिक बनाने में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।