नदियों का जलस्तर घटा, प्रभावित लोग लौट रहे अपने घर
जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश रविवार रात से ही कम
- स्वास्थ्य व कृषि अधिकारी बाढ़ प्रभावित इलाकों का करेंगे निरीक्षण
- बाढ़ के कारण लोगों व जानवरों में फैली बीमारियां
जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश वर्तमान समय में कम हो गई है। घरों में घुसा पानी घटने लगा है। महामाया पाड़ा, चुनीलाल रोड, जयंती पाड़ा, स्टेशन रोड, पांडा पाड़ा समेत नगरपालिका के अधिकांश वार्डो में में पानी न के बराबर है।
इसके बावजूद जिलाधिकारी रचना भगत ने स्वास्थ्य विभाग व कृषि दफ्तर को सतर्क रहने का निर्देश जारी किया है। जिन इलाकों में बाढ़ का पानी घुसा था, वहां के लोगों को विभिन्न प्रकार की शारीरिक बीमारियां हो रही है। इसके अलावा फसलों की जमीन को भी काफी नुकसान हुआ है। इसे लेकर कृषि दफ्तर बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करेंगे। बाढ़ के कारण मवेशियों को भी तरह-तरह की बीमारियां हो रही है। उक्त समस्याओं को ध्यान में रखकर पेयजल, स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर विशेष सुविधा दी जा रही है।
जिलाधिकारी रचना भगत की माने तो जिले में बाढ़ जैसी हालात नहीं है। नदियों का जलस्तर काफी कम हो गया है। तीस्ता बैरेज से पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन इससे लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है।
लोगों की माने तो बारिश के मौसम में इलाके में प्रति वर्ष जल जमाव होता है। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामने करना पड़ता है। नाले से पानी निकलती है, लेकिन उसमें काफी वक्त लगता है। तब तक काफी घरों में पानी घुसने से समस्या होती है।
इधर बानरहाट समेत डुवार्स इलाके के लोगों को भी बारिश से कुछ राहत जरूर मिली है। बानरहाटा 1 व 2, बिन्नागुड़ी, साकोंआझोड़ा-1, शालबाड़ी-1 व 2 ग्राम पंचायत अंर्तगत भी कई क्षेत्रों में घुसा पानी घटने लगा है। बिन्नागुड़ी सेना छावनी में भी पानी कम हो गया है। गैरकाटा आंगरभाषा नदी का जलस्तर कम हाने से शांतिनगर, सुभाषपल्ली, नीचपाड़, सोनाखाली समेत कई इलाके के लोगों ने भी राहत की सांस ली है।
लगातार बारिश के कारण वीरपाड़ा इलाका भी काफी प्रभावित हुआ था। सड़क की अवस्था भी कीचड़-कीचड़ है। भारत-भूटान सीमा से सटे चारोखोला, जयबीरपाड़ा, सुकटी नदियों का जलस्तर भी कम हो गया है। अब बांदापानी चाय बागान, जयबीरपाड़ा , टेकलापाड़ा , निपानिया, कालापानी, रती बस्ती समेत विभिन्न चाय बागान इलाकों से लोगों का संपर्क फिर से बहाल हो गया है। दूसरी ओर भारत-भूटान सीमा से सटे जयगांव शहर में पिछले कुछ दिनों से बारिश कम हुई है। जनजीवन फिर से पटरी पर आने लगी है। बाढ़ जैसी कोई हालात नहीं है। बारिश कम होने से भूटान से होकर गुजरने वाली बासरा, जोगीखाली, गोबरजोती, बावनीझोड़ा नदी का जलस्तर घटने लगा है। सड़क पर आवागमन भी सामान्य होती जा रही है।
बारिश कम होने से चामुर्ची, मालबाजार व नागराकाटा को भी राहत मिली है।