जलपेश में बोल बम की गूंज-
मयनागुड़ी, संवादसूत्र : वैसे तो हिन्दुओं के तीज त्योहार पूरे वर्ष भर मनाये जाते हैं। मगर 40-50 किमी की दूर पर सभी धार्मिक अनुष्ठान करने की प्रथाएं अलग-अलग हैं। इसी के तहत ही उत्तर बंगाल के सर्वश्रेष्ठ जलपेश मंदिर (शिवधाम) में बंगाली समुदाय की पंजिका के तहत श्रावण माह अभी भी जारी है। इसके तहत ही सोमवार को उत्तर बंगाल के विभिन्न स्थानों हजारों शिवभक्त जलाभिषेक करने पहुंचे। शिवभक्त बोल-बम का उद्घोष कर रहे थे। जिससे वहां का माहौल पूरी तरह से धर्ममय था। भक्तों ने भगवान शिवजी का जलाभिषेक किया वहीं उन्हें प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र,दही, घी व चावल सहित अन्य पूजन सामग्री अर्पित की। पौराणिक मान्यता है कि शिवजी औघड़दानी हैं। निरंतर प्रसन्न मुद्रा में स्थित होकर अपने भक्तों को प्रसन्नता प्रदान करते हैं। स्वयं ब्रह्मा एवं विष्णु भी इनके गुणों का गुणगान करते नहीं थकते हैं। शिव निराकार एवं साकार का संयुक्त रूप हैं। अर्धनारीश्वर हैं। ऐसे बाबा का जहां निवास हो, वहां स्वभाविक रूप से सभी शक्तियां स्वत: आ जाती हैं। शिव को जल प्रिय है। इसीलिए तो उनके जटा में सदैव गंगा मैया का निवास होने की मान्यता है। देवी पुराण के अनुसार प्रत्येक शिवलिंग में भगवती जलप्रिया नाम से स्थित रहती हैं। यह तथ्य प्रमाणित करता है कि शिव को जलार्पण कितना प्रिय है। जो भक्त शिव पर जल अर्पण करता है, वह भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद स्वत: प्राप्त कर लेता है।
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