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डुवार्स इलाके में मोर्चा समर्थकों ने फूंकी जीटीए समझौते की प्रति

जेएनएन, चामुर्ची/नागराकाटा : पहाड़ में बांग्ला भाषा अनिवार्य के खिलाफ व गोरखालैंड राज्य की मांग तक गो

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jun 2017 08:25 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jun 2017 08:25 PM (IST)
डुवार्स इलाके में मोर्चा समर्थकों ने फूंकी जीटीए समझौते की प्रति
डुवार्स इलाके में मोर्चा समर्थकों ने फूंकी जीटीए समझौते की प्रति

जेएनएन, चामुर्ची/नागराकाटा : पहाड़ में बांग्ला भाषा अनिवार्य के खिलाफ व गोरखालैंड राज्य की मांग तक गोजमुमो का अनिश्चितकालीन बंद जारी है। इस आंदोलन के बीच गोरखा जनमुक्ति मोर्चा नये नये तरीके अपना रही है। जीटीए समझौते से बाहर होने के बाद मंगलवार को पहाड़ के बाद डुवार्स इलाके में गोजमुमो के समर्थकों ने जीटीए समझौते की प्रति जलाई।

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चामुर्ची संवाददाता के अनुसार पहाड़ के आंदोलन का असर समतल में भी दिखने लगा है। पहाड़ में जहां मोर्चा समर्थकों ने जीटीए की प्रति जलाई। वही दूसरी ओर चामुर्ची स्थित आमबाड़ी चाय बागान की गोजमुमो यूनिट की शाखा ने जीटीए की प्रति जलाने के साथ जीटीए को रद्दे करने की मांग रखी। आमबाड़ी चाय बगान के गोजमुमो युवा मोर्चा के नेता गौतम विश्वकर्मा ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत इस दिन हमलोगों ने भी जीटीए समझौता का पत्र जलाया है। इसके बाद पृथक गोरखलैंड की मांग को लेकर आगे आंदोलन करते रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि जीटीए पृथक गोरखालैंड राज्य के लिए बाधा है। जीटीए को त्याग कर हमलोग अलग गोरखालैंड राज्य के आंदोलन में सहभागी हुए है। केंद्रीय कमेटी द्वारा दिए जाने वाले सभी कार्यसूची का पालन करेंगे।

नागराकाटा संवाददाता के अनुसार डुवार्स से सटे कुमाई में मंगलवार दोपहर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के समर्थकों ने जीटीए की प्रति जलाई। इसके अलावा कालिम्पोंग जिला अंतर्गत इस इलाके में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला भी जलाया गया। मोर्चा नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने खुद ही जीटीए समझौते का उल्लंघन करके उनलोगों को आंदोलन के लिए उतरने के लिए बाध्य कर दिया है। जलढांका इलाके में भी इस दिन मोर्चा समर्थकों ने जीटीए की प्रति जलाई।

मालूम हो कि गत 18 जुलाई 2011 साल में केंद्र, राज्य सरकार व मोर्चा के बीच जीटीए को लेकर समझौता हुआ था।


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