Move to Jagran APP

आटे में प्लास्टिक मिलने की बात अफवाह: खाद्य दफ्तर

- रबड़ की तरह दिखने वाला ग्लुटोन करती है विटामीन का काम: रिनचेन - 18 लाख लोगों को प्रति महीने मिलत

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 08:28 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 08:28 PM (IST)
आटे में प्लास्टिक मिलने की बात अफवाह: खाद्य दफ्तर
आटे में प्लास्टिक मिलने की बात अफवाह: खाद्य दफ्तर

- रबड़ की तरह दिखने वाला ग्लुटोन करती है विटामीन का काम: रिनचेन

loksabha election banner

- 18 लाख लोगों को प्रति महीने मिलता है 60 हजार क्विंटल आटा

जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: अंडा, चावल के बाद आटे में प्लास्टिक मिलने के बात को जिला खाद्य दफ्तर में अफवाह बताया। विभागीय अधिकारी रिनचेन शेरपा ने कहा कि आटे में प्लास्टिक मिलने की बात बिल्कुल गलत है। सोशल मीडिया में एक वीडियो मिलने के बाद ही चाय बागान इलाकों में प्लास्टिक आटे को लेकर कुल लोग अफवाह फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि आटे में रबड़ की तरह लगने वाला ग्लुटोन है। जो पौष्टिक के रूप में काम करता है। उक्त मामले को लेकर लोगों में जागरूकता लाने के लिए जल्द ही खाद्य दफ्तर की ओर से बागान इलाकों में माइकिंग की जाएगी। आज एक पत्रकार वार्ता के दौरान निरचन शेरपा ने कहा कि ग्लुटोन विटामीन का कार्य करता है। आटे को धोने के बाद अंश रबड़ की तरह लगता है। चाय बागान से मिलने वाले राशन में 7 से 12 फीसद ग्लुटोन की मात्रा होती है। जो चाय श्रमिकों को विटामीन देती है। मामले की छानबीन की जा रही है। विभिन्न राशन दुकानों से आटे का नमूना संग्रह किया गया था। परीक्षण के बाद उसमें प्लास्टिक का कोई अंश नहीं मिला। अब प्रति महीने ही दुकानों से आटे का नमूना लिया जाएगा। इस महीने 42 किलोग्राम आटा परीक्षण के लिए कोलकाता भेजा गया है।

ज्ञातव्य है कि गत कई दिनों से मालबाजार महकमे के बागराकोट, धुपगुड़ी, लक्ष्मीपाड़ा समेत विभिन्न क्षेत्रों के राशन दुकानों से मिल रहे आटे में प्लास्टिक मिलने का आरोप लग रहा था। जिले के 54 स्थानों पर सरकार के एक सहकारिता समूह के माध्यम से 2 रुपये प्रति किलोग्राम आटा दिया जा रहा है। करीब 18 लाख लोगों को यही आटा मिलता है। जिले में प्रति महीने कुल 60 हजार क्विंटल आटा राशन के माध्यम से वितरित किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.