बंद रामझोड़ा चाय बागान में बीमार श्रमिक की हुई मौत
संवाद सूत्र, वीरपाड़ा: रामझोड़ा चाय बागान में सोमवार तड़के एक श्रमिक की मौत हो गई। पिछले सात दिनों में
संवाद सूत्र, वीरपाड़ा: रामझोड़ा चाय बागान में सोमवार तड़के एक श्रमिक की मौत हो गई। पिछले सात दिनों में दो श्रमिकों की मौत होने से श्रमिक वर्ग में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बागान के रुपनगर लाइन निवासी श्रमिक चंद्रमाया छेत्री पिछले काफी दिनों से बीमार थी। उसके पति चंद्रलाल छेत्री दिव्यांग हैं। बागान श्रमिकों का आरोप है कि बागान बंद होने के कारण सभी को आर्थिक रूप से कमजोर हो गए हैं। पैसे के अभाव में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बागान अस्पताल में दवा नहीं होने के कारण बीमार श्रमिक इलाज से वंचित हो रहे हैं। दूसरी ओर पैसा नहीं होने के कारण निजी अस्पताल में जाना भी संभव नहीं हो पा रहा है।
बागान श्रमिक पांडु छेत्री , रुपलाल उराव, मुनि लोहार समेत अन्यों ने कहा कि बागान बंद हुए एक महीने हो गए हैं। इस दौरान उनलोगों को परिवार चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। घर में खाद्य सामग्री नहीं है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। मौसम में परिर्वतन आने के कारण बागान इलाके में बीमारी भी बढ़ती जा रही है। लेकिन पैसे के अभाव में उचित इलाज संभव नहीं हो पा रहा है। बागान के अस्पताल में दवा नहीं मिलने के कारण श्रमिकों को बाध्य होकर वीरपाड़ा अस्पताल जाना पड़ रहा है। श्रमिकों की मौत का सिलसिला जारी रहा तो बागान प्रबंधन को जवाब देना होगा।
रामझोड़ा चाय बागान के कर्मचारी रमेश शर्मा ने कहा कि बागान बंद होने के बाद से श्रमिकों की समस्या बढ़ी है। एक सप्ताह में दो श्रमिकों की मौत हुई है। जिससे दूसरे श्रमिक परिवार भी आतंकित हैं। अगर जल्द से जल्द बागान नहीं खोला गया तो हालात और भी खराब हो जाएगी।