सं. उत्तर बंगाल के चाय बागानों में हड़ताल असरदार
फोटो= 21 श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच के नेतृत्व में दस सूत्री मांगों के समर्थन में एक दिवसीय हड़ताल
फोटो= 21 श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच के नेतृत्व में दस सूत्री मांगों के समर्थन में एक दिवसीय हड़ताल
-माल प्रखंड अंतर्गत सोनागाछी, लीस रिवर व वाशाबाड़ी चाय बागान में हुआ सामान्य रुप से काम काज
-जलपाईगुड़ी के करला वैली व दार्जिलिंग के खोरीबाड़ी के चाय बागानों में भी हुआ काम
जेएनएन, सिलीगुड़ी : बंद व रुग्ण चाय बागानों को खुलवाने व सुचारु रुप से संचालन समेत दस सूत्री मांगों के समर्थन में आहूत हड़ताल डुवार्स में खास तौर से सफल रही। वहीं, जलपाईगुड़ी सदर के करला वैली चाय बागान और खोरीबाड़ी के ओड चाय बागान में काम काम सामान्य रुप से हुआ। कुल मिलाकर चाय बागानों की हड़ताल सफल रही।
हमारे जलपाईगुड़ी संवाददाता के अनुसार 21 चाय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच (ज्वाइंट फोरम) के नेतृत्व में डुवार्स के मानाबाड़ी, कुमलाइ, बागराकोट, नागेश्वरी चाय बागानों में काम काज पूरी तरह ठप रहा। वहीं, माल प्रखंड अंतर्गत सोनागाछी, लीस रिवर और वाशाबाड़ी चाय बागानों में सामान्य दिनों की तरह काम हुआ। उल्लेखनीय है कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्वाइंट फोरम की पहल पर महीनों से आंदोलन की तैयारी चल रही थी। उसी आंदोलन के क्रम में मंगलवार को एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया गया था। उल्लेखनीय है कि हड़ताल के समर्थन में 30 नवंबर को जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों के चाय बागानों में श्रमिक रिले अनशन पर भी बैठे थे।
फोरम के सूत्र के अनुसार आंदोलन की मुख्य मांगों में शामिल है, बंद चाय बागानों को जल्द खोला जाए, बंद व रुग्ण चाय बागानों के श्रमिकों की कुपोषण एवं बिना समुचित इलाज के मृत्यु की घटनाओं पर रोक लगाना। इन मांगों को लेकर उत्तर बंगाल के चाय-वलय वाले चार जिलों के 41 चाय बागानों में रिले अनशन किया गया। श्रमिक नेता चित्त दे ने बताया कि डंकन्स-गोयन्का समूह के बागान मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई समेत अन्य मांगों को लेकर यह आंदोलन चल रहा है। मांगों में शामिल है, चाय श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण किया जाए, प्लांटेशन लेबर एक्ट को लागू किया जाए। हालांकि तृकां समर्थित चाय श्रमिक संगठनों की ओर से हड़ताल का विरोध करने की बात थी लेकिन ऐसी कोई खबर नहीं है।