दाजिर्लिंग चाय बागान: लंबे गतिरोध के बाद त्रिपक्षीय बैठक में हुआ फैसला, चाय श्रमिकों को मिलेगा 20 फीसद बोनस
Tea workers will get 20 percent bonus दुर्गापूजा के मौके पर दार्जिलिंग के चाय श्रमिकों की बोनस की मांग को लेकर पिछले करीब चार महीने से जारी विवाद आखिरकार समाप्त हो गया
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। दुर्गापूजा के मौके पर दार्जिलिंग के चाय श्रमिकों की बोनस की मांग को लेकर पिछले करीब चार महीने से जारी विवाद आखिरकार शुक्रवार को समाप्त हो गया। चाय बागान मालिक आखिरकार श्रमिकों को 20 फीसद बोनस देने को तैयार हो गए हैं। इस निर्णय के बाद उत्तर बंगाल के खासकर दार्जिलिंग के 87 चाय बागानों के 70 हजार से अधिक श्रमिकों को दुर्गापूजा बीतने के बाद अब बोनस मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
कई दौर की वार्ता फेल होने के बाद राज्य के श्रम विभाग की ओर से शुक्रवार को कोलकाता में श्रम मंत्री मलय घटक की अध्यक्षता में आयोजित त्रिपक्षीय बैठक में श्रमिक यूनियनों और चाय बागान मालिकों के बीच जारी गतिरोध का हल निकला। श्रमिक यूनियनों के कड़े रूख के बाद बागान मालिकों को झुकना पड़ा और अब वे 20 फीसद बोनस देने पर राजी हो गए हैं। इसके बाद अब चाय श्रमिकों को जल्द ही बोनस की राशि मिल जाएगी। बैठक में दो किश्तों में श्रमिकों को बोनस के भुगतान पर सहमति बनीं। तय शर्तो के अनुसार, 20 फीसद बोनस की 60 फीसद राशि का भुगतान 10 दिनों के अंदर श्रमिकों को कर दिया जाएगा।
वहीं, बाकी 40 फीसद राशि का भुगतान नवंबर तक कर दिया जाएगा। बैठक के बाद दार्जिलिंग टी एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार संदीप मुखर्जी ने कहा कि श्रम मंत्री मलय घटक के हस्तक्षेप के बाद बोनस पर जारी गतिरोध खत्म हो गया है। उन्होंने बताया कि बागान प्रबंधन 20 फीसद बोनस भुगतान करने पर सहमत हो गए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि श्रम मंत्री को बागान मालिकों की खराब वित्तीय स्थिति से अवगत कराया गया और 18.5 फीसद से अधिक बोनस का भुगतान करने की स्थित नहीं होने का हवाला दिया गया। परंतु अंत में गतिरोध के खात्मे के लिए 20 फीसद बोनस को स्वीकार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि बोनस की 60 फीसद राशि का भुगतान 10 दिनों में कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बोनस की मांग पर इन 87 चाय बागानों के श्रमिकों ने बीते चार अक्टूबर को 12 घंटे की हड़ताल भी बुलाई थी। इस मुद्दे पर सभी सात श्रमिक संगठन 20 फीसद से कम बोनस पर मानने को तैयार नहीं थे। बागान मालिक प्रबंधन ने पहले 12 फीसद बोनस देने का प्रस्ताव दिया था, फिर 15 फीसद का प्रस्ताव दिया। लेकिन श्रमिक संगठन 20 फीसद से कम पर मानने को तैयार नहीं थे। इधर, इस मुद्दे का जल्द हल नहीं होने पर श्रमिकों ने पूरे पहाड़ क्षेत्र में आंदोलन की धमकी दी थी। दूसरी ओर, 20 फीसद बोनस की मांग पर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा नेता विनय तमांग पिछले पांच दिनों से आमरण अनशन पर बैठे थे। उन्होंने अनशन खत्म करने की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील तक को ठुकरा दिया था।