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सुरक्षा एजेंसियों के लिए जाली नोट सिरदर्द : आइजी

फोटो-राजेश-एक व दो -जाली नोट की पहचान के लिए बैंक से लिया जाएगा प्रशिक्षण -एक वर्ष में 115 करोड़

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 07:49 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 07:49 PM (IST)
सुरक्षा एजेंसियों के लिए जाली नोट सिरदर्द : आइजी
सुरक्षा एजेंसियों के लिए जाली नोट सिरदर्द : आइजी

फोटो-राजेश-एक व दो

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-जाली नोट की पहचान के लिए बैंक से लिया जाएगा प्रशिक्षण

-एक वर्ष में 115 करोड़ रुपये की तस्करी वस्तुएं की गयी जब्त

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) सिलीगुड़ी फ्रंटियर के नव नियुक्त आइजी श्रीकुमार बनर्जी ने कहा कि पांच सौ व दो हजार रुपये के जारी नए नोटों में भी जाली नोट मिलना सीमांचल के सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह सिरदर्द बना हुआ है। इसको देखते हुए बैंक से एसएसबी जवानों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके लिए बैंकों से बातचीत की जा रही है। बुधवार को एसएसबी फ्रंटियर मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्यूटी कर रहे एसएसबी जवानों को बैंक से प्रशिक्षण दिलाए जाएंगे, ताकि जाली नोटों की पहचान कर उसे बरामद किया जा सके। जारी किए गए पांच सौ व दो हजार के नए नोटों में जाली नोट पहचान करने की यहां पर एसएसबी के पास फिलहाल कोई आइडिया नहीं है। बैंक से सलाह लिया जा रहा है कि पहले वाली मशीन से ही जाली नोट पहचाना जा सके। इसके अलावा कोई नई तकनीकी भी हो उसका भी इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीते रविवार को मालदा से सीमा सुरक्षा बल द्वारा एक युवक से दो-दो हजार के 48 जाली नोट बरामद किए गए थे। आइजी बनर्जी ने कहा कि एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के तहत भारत-नेपाल व भारत-भूटान सीमा की पहरेदारी का दायित्व है। दोनों देशों की सीमाएं काफी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में कुछ अवांक्षित गतिविधियों भी होने काम मामले सामने आते हैं, जो ठीक नहीं है। सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा स्थानीय लोगों के सहयोग के बिना संभव नहीं है। हम चाहते हैं कि आम लोगों से हाथ से हाथ मिलाकर देश की रक्षा के लिए कार्य करें। आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों व विभिन्न बीओपी में सीसीटीवी कैमरे समेत अन्य उपकरण लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसएसबी के प्रति स्थानीय व सीमावर्ती लोगों का भरोसा कायम रहे, इसे देखते हुए सामाजिक कार्य भी किए जाते हैं। विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर रोजगार मूलक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

एसएसबी द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक पिछले वर्ष 2016 में 115.53 करोड़ रुपये के तस्करी के सामान बरामद किए गए थे। इनमें जाली भारतीय नोट, भारतीय नोट, विदेशी मुद्रा, देशी कट्टे, बिस्फोट पदार्थ, पशु, जंगली जानवरों के शरीर के विभिन्न अंग, विदेशी कपड़े, मादक पदार्थ व प्रतिबंधित दवाईयां शामिल है। इन गतिविधियों में शामिल एक हजार एक सौ एक लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। वर्ष 2016 में हुई बरामदगी वर्ष 2015 की अपेक्षा ज्यादा है। बताया गया कि वर्ष 2015 में 90.04 करोड़ रुपये के सामान बरामद हुए थे, जबकि 680 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस मौके एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के डीआइजी एके नाथ व डीआइजी (ऑपरेशंस) डीके सिन्हा समेत एसएसबी के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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