इस्लामपुर के स्थान पर ईश्वरपुर लिखने के कारण सरस्वती शिशु व विद्या मंदिर की मान्यता रद
पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की नजरें आरएसएस द्वारा संचालित स्कूलों पर टेढ़ीहैं। इस्लामपुर के बजाए ईश्वरपुर लिख दिए जाने के कारण सरस्वती शिशु विद्या मंदिर की मान्यता रद कर दी गई है।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 01:19 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 01:19 PM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने आरएसएस द्वारा संचालित स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर किए जाने के कारण उत्तर दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर व सरस्वती विद्या मंदिर की मान्यता तो पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने रद कर दी है। ई-मेल के जरिए इसकी सूचना जिला विद्यालय निरीक्षक को भेज दी गई है। विद्या मंदिर के प्राचार्य ने मान्यता रद होने की पुष्टि की है। ये दोनों स्कूल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अनुषंगी इकाई विद्या भारती द्वारा संचालित किए जाते हैं।
बता दें कि स्कूल के बोर्ड और वाहनों पर इस्लामपुर के स्थान पर ईश्वरपुर लिख दिया गया था। इस मामले की चर्चा कोलकाता तक हुई थी। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने संज्ञान लेते हुए मान्यता रद करने का निर्णय लिया।
यहां विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय पर भी इस्लामपुर के बजाए ईश्वरपुर लिखा गया है। केंद्र में भाजपा की सरकार जब से आई है, हिंदुत्ववादी संगठनों की सक्रियता इस इलाके में बढ़ गई है। गत वर्ष पहली बार व्यापक पैमाने पर रामनवमी जुलूस भी निकाला गया था। इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने की मांग जोर पकड़ने लगी। इसी बीच अपनी मर्जी से स्कूल ने भी अपना नाम बदल दिया। जबकि किसी स्थान का नाम बदलने के लिए राज्य या केंद्र सरकार ही अधिकृत है। इसीलिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कार्रवाई करते हुए मान्यता रद की है।
बता दें कि स्कूल के बोर्ड और वाहनों पर इस्लामपुर के स्थान पर ईश्वरपुर लिख दिया गया था। इस मामले की चर्चा कोलकाता तक हुई थी। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने संज्ञान लेते हुए मान्यता रद करने का निर्णय लिया।
यहां विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय पर भी इस्लामपुर के बजाए ईश्वरपुर लिखा गया है। केंद्र में भाजपा की सरकार जब से आई है, हिंदुत्ववादी संगठनों की सक्रियता इस इलाके में बढ़ गई है। गत वर्ष पहली बार व्यापक पैमाने पर रामनवमी जुलूस भी निकाला गया था। इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने की मांग जोर पकड़ने लगी। इसी बीच अपनी मर्जी से स्कूल ने भी अपना नाम बदल दिया। जबकि किसी स्थान का नाम बदलने के लिए राज्य या केंद्र सरकार ही अधिकृत है। इसीलिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कार्रवाई करते हुए मान्यता रद की है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें