आंदोलनकारियों ने सिनकोना बागान के निदेशक का बंगला फूंका
- पंचायत कार्यालय, पुस्तकालय व दुकानों में भी आगजनी - जन आंदोलन पार्टी ने सांसद की बेरुखी पर मांगा
- पंचायत कार्यालय, पुस्तकालय व दुकानों में भी आगजनी
- जन आंदोलन पार्टी ने सांसद की बेरुखी पर मांगा इस्तीफा
जेएनएन, कालिम्पोंग/दार्जिलिंग : रोंगो में शनिवार तड़के तीन बजे गोरखालैंड की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने सिनकोना बागान के निदेशक का बंगला आग के हवाले कर दिया। वहीं पंचायत कार्यालय, पुस्तकालय व दुकानों में भी आगजनी की गई।
झोलंग थाना की रोंगो आउटपोस्ट का पुलिस कैंप भी जलकर राख हो गया। हालांकि यहां पुलिस कर्मी नहीं थे। आदोलन के दौरान पुलिस की दो गाड़ियों को जलाने के बाद ही यहां कैंप कर रही पुलिस को यहां से हटा लिया गया था। तबसे यह बंगला खाली पड़ा था। सुनसान होने का फायदा उठाकर आंदोलनकारियों ने कैंप में आग लगा दी। आग ने पूरे बंगले को चपेट में ले लिया। दलगाव के सिनकोना बागान अंतर्गत आने वाले पंचायत कार्यालय में भी आग लगाई गई, जिससे एक कमरा जल गया। इसके अलावा गाड़ीधुरा में एक पुस्तकालय को जला दिया। मिरिक व दुधियां में तीन दुकानों में आगजनी की गई।
गोरखालैंड के समर्थन में जगह-जगह रैली व भूख हड़ताल का सिलसिला जारी है। मंगपो में खुखरी रैली निकाली गई। विधायक अमर राई ने कहा कि आंदोलन के दौरान मौतें हो रही हैं और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। जन आंदोलन पाटर्ीं के अध्यक्ष हर्क बहादुर छेत्री ने कहा कि दार्जिलिंग क्षेत्र के सांसद एसएस अहलुवालिया गोरखालैंड मुद्दे पर निष्क्रिय हैं। आंदोलन के प्रति बेरुखी के चलते उन्हें लोक सभा की सदस्या से त्यागपत्र दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान जारी हिंसा को लेकर केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए। वहीं भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पहाड़ में अशांति की वजह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। सांसद अहलुवालिया व्यस्तता के चलते नहीं आ पा रहे हैं, लेकिन उनके स्तर से प्रयास जारी है। वह लगातार संपर्क में भी हैं।