Move to Jagran APP

शारदीय नवरात्र 29 से

सिलीगुड़ी : विक्रमी संवत 2074 की शुरुआत 29 मार्च को होगी। इस बार नवरात्र नौ की जगह आठ दिन का ही है। म

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 10:29 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 10:29 PM (IST)
शारदीय नवरात्र 29 से
शारदीय नवरात्र 29 से

सिलीगुड़ी : विक्रमी संवत 2074 की शुरुआत 29 मार्च को होगी। इस बार नवरात्र नौ की जगह आठ दिन का ही है। मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी का पूजन एक ही दिन होगा। पंडित यशोधर झा के अनुसार प्रतिपदा 28 मार्च की सुबह 8.15 मिनट से लग जाएगी,लेकिन इसका मान सूर्योदय से ही लिया जाएगा। यही कारण है कि 29 मार्च को सूर्योदय 6 बजे से नव संवत्सर लगेगा। इस बार का संवत्सर 44 वां साधारण होगा। इस साल का राजा ग्रह बुध और मंत्री ग्रह गुरु होने से योग बहुत शुभ और देश के लिए कल्याणकारी है। इस संवत्सर में दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण पड़ेंगे। दोनों की ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। पहला चंद्र ग्रहण सात अगस्त 2017 और दूसरा 31 जनवरी 2018 को होगा।

loksabha election banner

कलश स्थापना समय

नवरात्र में कलश स्थापना के लिए सबसे अच्छा समय 29 मार्च सुबह 4 बजे से 6.30 तक है। उसके बाद सुबह 8.30 से 10.25 तक। सुबह 11.35 से दोपहर 12.30 तक ही कलश की स्थापना की जा सकती है।

कन्या पूजन का महत्व

नवरात्र शुरु होने जा रहा है। इस दौरान कन्या पूजन या कन्या भोज को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। साधक कन्याओं को मां दुर्गा का दूसरा रूप मानते है। इसे मा मानकर उन्हें भोजन कराकर पूजा की जाती है। अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन के लिए श्रेष्ठ दिन माना जाता है। इसके लिए 10 वर्ष की कन्याओं को बहुत शुभ माना जाता है। कहते है भोज के लिए नौ कन्याओं को बुलाया जाता है। यह मां के उन नौ स्वरुप को दर्शाता है। कन्याओं को उम्र के अनुसार नाम भी दिए जाते है। सात साल की कन्या को चंडिका तो नौ साल की कन्या को दूर्गा कहा जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.