कश्मीर का ट्यूलिप फूल अब दिखेगा पहाड़ में
- जीटीए के पर्यटन विभाग व दिल्ली के हिमालयन फ्लोरिका ने की पहल - गत दिसंबर महीने में दार्जिलिंग व
- जीटीए के पर्यटन विभाग व दिल्ली के हिमालयन फ्लोरिका ने की पहल
- गत दिसंबर महीने में दार्जिलिंग व कालिम्पोंग में लगाए गए थे 40 हजार पौधे
- पर्यटकों को पहाड़ में लाने हेतु काफी मददगार साबित होगा : विमल
संवादसूत्र, कालिम्पोंग : देश के कश्मीर हिस्से में मिलने वाले ट्यूलिप फूल के लिए अब लोगों को कश्मीर जाने की जरूरत नहीं है। जीटीए के पर्यटन विभाग एवं नई दिल्ली के हिमालयन फ्लोरिका के संयुक्त प्रयास से दार्जिलिंग व कालिम्पोंग में गत दिसंबर महीने में यह फूल लगाया गया था। पेड़ में अब फूल निकलने के बाद इसका आकर्षण अब पर्यटकों को अपनी ओर खिंचेगा। सोमवार को जीटीए प्रमुख विमल गुरूंग ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि गत दिसंबर महीने में हालैंड से करीब 40 हजार ट्यूलिप के पौधे लाकर दार्जिलिंग के जीटीए मुख्यालय लालकोटी, सरवरी गार्डन एवं कालिम्पोंग के डेलो टूयेरिस्ट लाज परिसर में प्रयोगात्मक रुप से लगाए गए थे। उसके बाद पहाड़ के मौसम के अनुरूप फूल फलने लगा।
उन्होंने कहा कि गत दिसंबर महीने में लाज परिसर में लगाए गए चार रंगों के पौधे इसमें है। देश के लोग पहले कश्मीर जाकर इस फूल का आनंद लेते थे, जो अब दार्जिलिंग व कालिम्पोंग में आकर आनंद ले पाएंगे।
इस दिन डेलो में कोलकाता से आई मौहा भट्टाचार्य ने कहा कि हालांकि उन्हें कश्मीर में जाने का मौका नहीं मिला। लेकिन अब उस फूल के दर्शन यहां पर हो रहे है।
हिमालयन फ्लोरिका के मालिक नीरज छेत्री ने कहा ट्यूलिप देश के कश्मीर में मिलता था। अब यहां पर इस फूल के दर्शन होगें। केन्द्र व राज्य के सहयोग हेतु इस योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।
जीटीए प्रमुख ने आगे कहा कि पर्यटकों को पहाड़ में लाने हेतु यह ट्यूलिप फूल काफी मददगार साबित होगा। कश्मीर में मिलने वाले फूल अब पहाड़ में दिखेंगे। इससे स्थानीय लोगों का आय स्त्रोत भी बढ़ेगा। इसके लिए अब डेलो के विभिन्न जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे।