केंद्रीय अधिनियम लागू होने से राज्य को मिलने वाले अधिकारों में बाधा
जागरण संवाददाता, गंगटोक : केंद्रीय अधिनियमों को लागू होने से राज्य को प्राप्त विशेष संवैधानिक अधिकार
जागरण संवाददाता, गंगटोक : केंद्रीय अधिनियमों को लागू होने से राज्य को प्राप्त विशेष संवैधानिक अधिकारों को स्वत उल्लंघन होती है। ऐसे स्थिति में राज्य सरकार मौन है। यह आरोप विपक्षी दल सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी ने लगाई है। पार्टी के प्रचार-प्रसार महासचिव बिरेंद्र तामलिंग ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय विशेष अधिनियमों को लागू कर वाहनों में करें बढ़ायी गई है। राज्य के लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप में उक्त कर का बोझ उठाना होगा। हालाकि ऐसी स्थिति में राज्य सरकार मौन है। उन्होंने राज्य में सीबीआई जाच के लिए वैधानिक द्वार खोलने के लिए केंद्रीय अधिनियम लागू अनिवार्य है। पिछले दिनों में राज्य सरकार ने उक्त अधिनियम लागू करने से मना कर दिया। राज्य सरकार ने राज्य को प्राप्त विशेष संवैधानिक अधिकार 371 (एफ) उल्लंघन होने का हवाला दिया था। इस तरह भ्रष्टाचार की जाच से बचने के लिए खुद विशेष संवैधानिक अधिकार को ढाल बनाते है। जबकि लोगों को सीधा असर पढ़ने वाले नियमों को लागू होते समय मौन है। राज्य सरकार दोहरा मापदंड अपना रही है। जिसका पार्टी विरोध करती है। उन्होंने कहा कि हालाकि सुप्रीम कोर्ट ने होम गार्ड को पुलिस कर्मियों के समान वेतन भुगतान करने की आदेश जारी की है। इक्वल पे- इक्वल वर्कर्स के आधार पर इससे लागू करने की मांग पार्टी कर चुकी है। लेकिन इस संबंध में भी राज्य सरकार मौन है। खुद के गले में आने वाले फंदे से बचने के उपाय में राज्य सरकार कई नियमों संदर्भ देती है। नियम चाहे केंद्र व राज्य के अधिकार क्षेत्रों का है। हमलोग इसका विरोध करते है।