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बजट पर प्रतिक्रिया कैचवर्ड रियल एस्टेट

मनोज शर्मा : रियल एस्टेट ब्रोकर =मंदी के दौर से गुजर रहे सेक्टर के लिए सरकार आवास योजना के तहत रि

By Edited By: Published: Mon, 23 Jan 2017 11:35 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jan 2017 11:35 PM (IST)
बजट पर प्रतिक्रिया कैचवर्ड रियल एस्टेट
बजट पर प्रतिक्रिया कैचवर्ड रियल एस्टेट

मनोज शर्मा : रियल एस्टेट ब्रोकर

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=मंदी के दौर से गुजर रहे सेक्टर के लिए सरकार आवास योजना के तहत रियायती आवास योजना को बढ़ावा दे।

=रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा मिल जाए तो आवास सस्ते हो जाएंगे।

=सरकार को जल्द से जल्द जीएसटी लागू कर देना चाहिए। ताकि बिल्डर्स पर टैक्स का बोझ कम होगा।

=रियायती हाउजिंग पर बिल्डरों को विशेष छूट दी जानी चाहिए। जिससे बिल्डर को प्रोत्साहन मिल सके।

=आवासीय प्रोजेक्ट के तहत बिल्डर को सिंगल विंडो की व्यवस्था मिले, जिससे बिल्डर का समय और धन दोनों बचे।

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संदीप गोयल = क्रेडाई के अध्यक्ष

=बजट में आवास ऋण सस्ते किए जाने चाहिए,जिससे आम आदमी अपना घर खरीदने का सपना पूरा कर सके।

=सस्ते आवासीय प्रोजेक्ट बनाने के लिए बजट में विशेष रियायत की घोषणा की जानी चाहिए।

=रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा दिया जाना चाहिए,जिससे बिल्डरों को सस्ते दरों पर बैंकों से लोन मिल सके।

=आवासीय प्रोजेक्ट के लिए सारे कागजी कार्यवाही को आसान बनाया जाना चाहिए। जिससे कम समय में प्रोजेक्ट पूरा किया जा सके।

=होम लोन के क्षेत्र में आयकर में टैक्स एवं ब्याज पर दी जाने वाली छूट सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए।

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तिलक वंशकोटा = बिल्डर

-आयकर छूट की सीमा में वृद्धि की जानी चाहिए। जिससे आम आदमी अपना घर का सपना पूरा कर सके।

=जीएसटी को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए, इससे रियल एस्टेट सेक्टर में भी पारदर्शिता आएगी।

=रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा मिलने से प्रोजेक्ट का लोन सस्ता होगा,इसका लाभ आम आदमी को ही मिलेगा।

=आवासीय ऋण मामले में आयकर छूट की सीमा दो लाख से बढ़ाई जानी चाहिए। इससे अधिक लोग मकान खरीदने आएंगे।

=रियल एस्टेट सेक्टर के लिए विभिन्न सरकारी अनुमतियों के लिए सिंगल विंडो व्यवस्था की जानी चाहिए। इससे प्रोजेक्ट समय पर पूरा किया जा सकेगा।

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योगेश गोयल= बिल्डर

-होम लोन पर ब्याज दर घटाए जाने का स्वागत है। कम ब्याज होने से ज्यादा खरीदार आएंगे।

=फिलहाल बिल्डरों को दर्जन भर से ज्यादा अलग अलग टैक्स चुकाना पड़ता है। टैक्स का बोझ कम किया जाना चाहिए।

=रियायती हाउसिंग प्रोजेक्ट को इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का दर्जा मिल जाए तो इससे प्रॉपर्टी की कीमतों में कमी आ जाएगी।

=बिल्डरों को रियायती हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए विशेष छूट मिलनी चाहिए। इससे बिल्डर को प्रोत्साहन मिलेगा।

=जीएसटी लागू की जानी चाहिए जिससे मंदी के दौर से गुजर रहे इस सेक्टर में रौनक वापस आ सके।


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