कांग्रेस को दूसरे ने नहीं अपनों से खतरा : चतुर्वेदी
खबर बाक्स में लगेगी ------------------ जागरण विमर्श का लोगो लगेगा ........................
खबर बाक्स में लगेगी
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जागरण विमर्श का लोगो लगेगा
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लोगो के साथ फोटो राजेश 14
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-कहा, भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने में कांग्रेस रही हमेशा पीछे
-नीति स्पष्ट नहीं होने से दिल से नहीं ले रहे हैं लोग इतनी पुरानी पार्टी को
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : देश में पांच राज्यों में चुनाव हो रहा है। यहां भी कांग्रेस के क्षेत्रीय दलों से गठबंधन किए जाने से कांग्रेस को लेकर कई प्रश्न उठना लाजमी है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस को दूसरे से कम अपनों से ही सबसे ज्यादा खतरा है। सामंती विचारधाराओं से पार्टी को आगे आना होगा। इन दिनों ऐसा नहीं करने पर आने वाले दिनों में कांग्रेस और लोगों की नजरों में गिरती चली जाएगी। यह कहना है शिक्षाविद अखिलेश चतुर्वेदी का। वह सोमवार को दैनिक जागरण कार्यालय पर आयोजित जागरण विमर्श में बतौर अतिथि विचार व्यक्त कर रहे थे। 'क्या कांग्रेस खुद छोड़ रही अपनी जमीन ?' विषय पर आयोजित विमर्श में उन्होंने कहा कि बिहार बंगाल के बाद यूपी में कांग्रेस क्षेत्रीय दल के सहारे आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चर्चा में कहा कि आजादी के बाद देखे तो देश में कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो लंबे समय तक सत्ता में रही। सामंतवादी विचारधारा के कारण प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बना दिया गया। परिवार के ही किसी न किसी को सत्ता में देखने की प्रवृति ने कांग्रेस के अंदर ही भितरघात प्रारंभ हो गया। इससे दूर जाकर ही नेताओं ने क्षेत्रीय दल का गठन किया और आगे बढ़ने लगे। चर्चा के दौरान कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। ऐसा नहीं होने का ही कारण है कि कई वरिष्ठ मंत्रियों को भ्रष्टाचार को लेकर जेल जाना पड़ा। कांग्रेस में विडंबना है कि कोई गांधी परिवार को नाराज नहीं करना चाहता। पीठ पीछे उसके बाद कालीदास के तरह उसी डाल को काटते है जिस पर वे स्वयं बैठे होते है। पार्टी का भविष्य जब कम उम्र की महिलाएं और सेलीब्रेटी तय करने लगे तो उसका क्या हाल होगा? वर्तमान सरकार के निर्णय की तारीफ करते हुए कहा कि मोदी ने नोटबंदी लागू किया? विरोधी दलों
ने इसको लेकर हल्ला मचाया। जनता के बीच विश्वास भी छाप छोड़े प्रधानमंत्री के खिलाफ लोग चुप रहकर इसे स्वीकार किया। ऐसा ही कुछ कांग्रेस को जनता में विश्वास दिलाने के लिए करना होगा। चर्चा के दौरान कहा कि कई ऐसे मुद्दे आज देश में आमलोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। राजनीति में नैतिकता जरूरी है। आज नैतिकता समाप्त होती चली जा रही है जिसके कारण बुद्धिजीवियों के मन में पार्टियों के प्रति स्नेह नहीं बल्कि द्वेष झलक रहा है। जागरण विमर्श में पहुंचे अतिथि का दैनिक जागरण परिवार की ओर से स्वागत किया गया। आभार व्यक्त यूनिट प्रभारी राजन मिश्रा द्वारा किया गया। विमर्श में राघवेंद्र शुक्ल, दिनेश सिंह, अशोक झा, राजेश प्रसाद आदि मौजूद थे।