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नेवार विकास बोर्ड पर शुरू हुआ विवाद

संवादसूत्र,कालिम्पोंग : नेवार युवा संगठन के सचिव रवि प्रधान ने नेवार विकास बोर्ड पर आरोप लगाते हुए क

By Edited By: Published: Sat, 03 Dec 2016 10:12 PM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2016 10:12 PM (IST)
नेवार विकास बोर्ड पर शुरू हुआ विवाद

संवादसूत्र,कालिम्पोंग : नेवार युवा संगठन के सचिव रवि प्रधान ने नेवार विकास बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यदि विकास बोर्ड किसी पार्टी या दल विशेष का है तो ऐसा बोर्ड युवा संगठन को स्वीकार्य नही है। नेवार कल्याण संगठन द्वारा बीते ढाई वर्षो से बोर्ड गठन के लिए कार्य करने के बयान का खंडन करते हुए नेवार युवा संगठन विकास बोर्ड पर विवाद खड़ा कर दिया है। गुरुवार को पत्रकार वार्ता करते हुए सचिव रवि प्रधान ने कहा कि गत 24 नवंबर को पिछड़ा कल्याण विभाग के अध्यक्ष एसके ढांडे की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई थी। बैठक में क्लाज तीन व चार के उल्लेख के अनुसार दोनों ही संगठनों के सहमत होने पर ही बोर्ड बनाने का निर्णय हुआ था। निर्णय के अनुसार संयुक्त सचिव के पास उपस्थित होकर दोनों पक्षों द्वारा आपसी सहमति बनाकर सूचि तैयार करने की बात हुई थी। किंतु एक पक्ष के दबाव में आकर पिछड़ा कल्याण विभाग ने सूचि तैयार कर दी है। प्रधाने ने कहा कि यदि विकास बोर्ड का गठन करना ही है तो अखिल भारतीय नेवार विकास बोर्ड को विश्वास में लेकर करना चाहिए जिससे किसी को कोई आपत्ति ना हो। वहीं संगठन के अध्यक्ष विमल प्रधान ने तृका पर नेवार समुदाय को विभाजित करने का आरोप लगाया है। प्रधान के अनुसार यदि विकास बोर्ड देना ही है तो संगठन के अनुसार देना चाहिए। नेहरु युवा संगठन वर्ष 1993 से जातीय हित में कार्य करता आ रहा है। जबकि अन्य संगठनों के कार्य पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए संगठनों द्वारा किए गए कार्य का हिसाब मांगा। प्रधान ने बोर्ड प्रतिनिधियों के चयन पर संगठन को आपत्ति होते हुए बताया कि विकास बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर चुने गए सुनील प्रधान तृणमूल कांग्रेस टाउन समिति के अध्यक्ष हैं तथा प्रदीप प्रधान तृकां कार्यकर्ता हैं।

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उन्होंने कहा कि नेवार युवा संगठन 8 दिसम्बर 2015 से बोर्ड गठन की माग के लिए संघर्ष करता आ रहा है । प्रधान नेदावा किया कि युवा संगठन ने ढाई वर्ष पूर्व से ही विकास बोर्ड गठन की मांग की आवाज बुलंद कर रखी थी। विमल प्रधान ने आरोप लगाते हुए कहा कि विकास बोर्ड गठन में संगठन की अनदेखी हुई है। वहीं दूसरी ओर कल्याण संगठन द्वारा जातीय हित कुछ ना करने के बावजूद बोर्ड गठन में कल्याण संगठन को तरजीह दी गई है जो गलत है।


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