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पहाड़ पर चढ़ेगा सियासी पारा

संवादसूत्र,दार्जिलिंग : जहां एक तरफ तापमान में गिरावट दर्ज होने तथा ठंडी हवा के कारण पहाड़ का मौसम सर

By Edited By: Published: Sat, 03 Dec 2016 09:06 PM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2016 09:06 PM (IST)
पहाड़ पर चढ़ेगा सियासी पारा

संवादसूत्र,दार्जिलिंग : जहां एक तरफ तापमान में गिरावट दर्ज होने तथा ठंडी हवा के कारण पहाड़ का मौसम सर्द है वहीं आगामी नगरपालिका चुनाव को देखते हुए सियासी पारा चढ़ने लगा है। मिरिक,कर्सियांग व कालिम्पोंग के बाद गोजमुमो अब रविवार को दार्जिलिंग के मोटर स्टैंड पर विराट जनसभा का आयोजन करने जा रही है। मोटर स्टैंड पर आयोजित होने वाली जनसभा की तैयारियां भी युद्ध स्तर पर जारी हैं। मोर्चा की रैली के लिए यहां भव्य पंडाल का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस बार की मोर्चा की जनसभा के भव्य होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनसभा में सुरक्षा के नजरिए से सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था की गई है। जनसभा में मुख्य वक्ता के रूप में गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग उपस्थित रहेंगे। जनसभा का उद्देश्य गोरखलैंड के लिए जन जागरुकता फैलाना है। बताते चलें कि दार्जिलिंग की जनसभा का कर्सियांग से पूर्व आयोजित होना प्रस्तावित था किंतु कुछ कारणवश मोर्चा की दार्जिलिंग सभा स्थगित कर दी गई थी। जनसभा को मोर्चा प्रमुख के गोरखालैंड आंदोलन के लिए बढ़ती सक्रियता से जोड़ कर देखा जा रहा है। गौरतलब हो कि मोर्चा प्रमुख व मोर्चा महासचिव हाल ही में दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर आए हैं। दोनों शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद गृहमंत्री ने गोरखालैंड राज्य स्थापना के लिए समिति गठित करने के निर्देश भी दिए हैं। वहीं दूसरी ओर आगामी 12 से 16 दिसंबर के बीच मोर्चा का दिल्ली में आमरण अनशन प्रस्तावित है जिसके लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं। मोर्चा प्रमुख स्वयं भी आवश्यकता पड़ने पर अनशन में हिस्सा लेने की संभावना व्यक्त कर चुके हैं। गोरखालैंड राज्य को लेकर मोर्चा प्रमुख की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह कर्सियांग रैली में स्पष्ट कह चुके हैं कि मोर्चा केंद्र सरकार से नाली अथवा बंद चाय बागान खुलवाने की मांग नही कर रहा है बल्कि गोरखा के लिए उनका हक मांग रहा हूं। वहीं मोर्चा प्रमुख ने गृह मंत्री से मिलकर गोरखा जाति की 11 उपजातियों को जनजाती की मान्यता देने के संबंध में भी दिल्ली से सकारात्मक रुख की बात कह चुके हैं। दार्जिलिंग की जनसभा में देखना दिलचस्प होगा कि मोर्चा प्रमुख का गोरखालैंड के विषय पर राज्य सरकार के प्रति कैसा रवैया रहता है क्योंकि पूर्व की आयेाजित रैली में गुरुंग स्पष्ट कर चुके हैं कि गोरखालैंड राज्य गठन बंगाल सरकार का विषय नही है बल्कि यह भारत सरकार का मामला है। इन दिनों दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में आगामी नगर पंचायत चुनाव को देखते हुए सियासत गर्म है। जहां एक ओर मोर्चा की जनसभाओं का सिलसिला जारी है वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार के नोटबंदी के निर्णय के विरुद्ध तृणमूल कांग्रेस का लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। इन सब के बीच गोरखालैंड का बिल पेश करने के मुद्दे पर जनांदोलन पार्टी भी आक्रामक दिख रही है।


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