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सोशल मीडिया ने उड़ायी चायनीज बिक्रेताओं की नींद

-जन भावना को अखबार ने बनाया अभियान -युवाओं में दिख रहा देश भक्ति का जज्बा जागरण संवाददाता, सिल

By Edited By: Published: Tue, 25 Oct 2016 08:14 PM (IST)Updated: Tue, 25 Oct 2016 08:14 PM (IST)
सोशल मीडिया ने उड़ायी चायनीज बिक्रेताओं की नींद

-जन भावना को अखबार ने बनाया अभियान

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-युवाओं में दिख रहा देश भक्ति का जज्बा

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : उंगलियों से निकले देशभक्ति में डूबे चायनीज समान के बहिस्कार के जुमलों ने परिदृश्य बदलकर रख दिया है। जन भावनों को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर इसको अखबार ने अपना अभियान बनाया है। इसका असर प्रत्येक पाठक के घरों तक पड़ने लगा है। इसको और बल तब मिलना शुरु हुआ है जब राज्य की राजधानी स्थित बड़ा बाजार में चायनीज फटाखों के बिक्री के प्रतिबंध को लेकर प्रशासन पूरी तरह सख्त है। इन दिनों सस्ते चायनीज आइटमों के खरीददार बाजार से गायब हैं, तो स्वदेशी की डिमाड जोरों पर है। गंभीर बात यह है कि अपना पैसा लगाकर चायनीज आइटम बेंचने वाले व्यापारी मायूस हैं क्योंकि इस दीपावली पर उनके घरों में दीपक कैसे जलेंगे।

इन दिनों चायनीज माल के बहिस्कार को लेकर सोशल मीडिया पर लिखने वालों की बाढ़ सी आ गई है। इस बात का असर बाजार पर भी साफ दिखाई दे रहा है।

बाजार में दीपावली की सजावट के लिए झालर व अन्य चीनी उत्पाद की भरमार है, लेकिन बीते वषरें की तुलना में इस बार बिक्री खासी कम है। दुकानदारों का कहना है कि सरहद पर हुए तनाव के बाद देश में बने माहौल से चीनी सामान की बिक्त्री खासी प्रभावित हुई है। इस दीपावली पर हमारा दीवाला निकलना तय है, क्योंकि सारा माल एडवास पैसा देकर बिना गारंटी का आया है, और न बिकने पर हम लोग आगे का व्यापार कैसे करेंगे। सरकार को चाहिए कि वह देश में चायनीज माल को घुसने ही न दे। चीन द्वारा पाक का समर्थन किए जाने की खबरों से बाजार खासा प्रभावित हुआ है। दुकानदारों का कहना है कि सस्ती दर के चलते दशहरा से ही चीनी उत्पादों की रिकार्ड बिक्री शुरू हो जाती थी। लेकिन इस बार चीनी सामान के बहिष्कार की सूचनाओं और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों से बिक्री में खासी गिरावट आई है। लोग घटी दर पर भी चीनी उत्पाद खरीदने को तैयार नहीं हैं। खास तौर से इलेक्ट्रानिक उपकरणों का बाजार राष्ट्रीय भावना के सैलाब में बह गया है।


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