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रैली निकाल कर दी नक्सली आंदोलन के योद्धाओं को सलामी

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : नक्सली आंदोलन के योद्धाओं को गुरुवार की शाम याद करते हुए बड़ी संख्या में

By Edited By: Published: Thu, 28 Jul 2016 09:04 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 09:04 PM (IST)
रैली निकाल कर दी नक्सली आंदोलन के योद्धाओं को सलामी

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : नक्सली आंदोलन के योद्धाओं को गुरुवार की शाम याद करते हुए बड़ी संख्या में समर्थकों और नेताओं ने रैली निकाल कर सलामी दी। सुभाषपल्ली स्थित नक्सल आंदोलन के जनक चारु मजूमदार की मूर्ति पर माल्यार्पण कर सभा का आयोजन किया गया। जिसमें भाकपा माले (लिबरेशन) के कोलकाता से आए देवाशीष बोस, वरिष्ठ नेता एबी चौधरी, राज्य कमेटी सदस्य गौरी दे, बेंगाईजोत नक्सलबाड़ी से आए इस आंदोलन के योद्धा पवित्र सिंह,अपूर्व चतुर्वेदी, मुक्ति सरकार आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता चारु मजूमदार के पुत्र सह भाकपा माले के सेंट्रल कमेटी के सदस्य अभिजीत मजूमदार ने की। सभा के प्रारंभ में क्रांतिकारी गीत के माध्यम से नक्सल के योद्धाओं के सपनों को साकार करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। वक्ताओं ने कहा कि नक्सलबाड़ी योद्धाओं कीयाद में 46 वां शहीद दिवस मनाया जा रहा है। अगले वर्ष नक्सल आंदोलन की 50 वीं वर्षगांठ है। जिसे पूरे वर्ष मनाने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। आंदोलन के विचार को मारने की कोशिश की जा रही है। अभी तक नक्सल आंदोलन के योद्धाओं की हत्या की जांच नहीं हो पाई है। 28 जुलाई 1975 को चारु मजूमदार को जेल में मृत घोषित कर दिया गया, परंतु उनकी मौत कैसे हुई रहस्य बना हुआ है। इसके अलावे 1971 में पार्टी नेता सरोज दत्त को उनके घर से पुलिस पकड़ कर ले गई और हत्या कर दी गई। पुलिस फाइल में अब भी उन्हें लापता बताया जा रहा है। नक्सल आंदोलन से जुड़े योद्धाओं को राजनीतिक बंदी का दर्जा देने की बात करने वाली टीएमसी सरकार ने चुनाव बाद भी अपने वादे का पूरा नहीं किया। जिस प्रकार वाममोर्चा की सरकार ने आंदोलन को कुचलने के लिए दमनात्मक कार्रवाई की थी, वहीं काम अब परिवर्तन की सरकार भी कर रही है। सभा में 25 जुलाई 1967 की लड़ाई में हिस्सा लेने वाले अजीत सिंह ने उस लड़ाई की बातों को साझा किया।

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रैली निकाल संघर्ष का किया आह्वान

सिलीगुड़ी : भाकपा माले के संग्रामी श्रमिक कृषक मंच की ओर से शहीद दिवस के अवसर पर गुरुवार को सुभाषपल्ली स्थित चारु मजूमदार की मूर्ति के निकट से रैली निकाली गई। जिसका नेतृत्व सुकेन्दु सरकार व रतन दे कर रहे थे। ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आए नक्सली आंदोलन के समर्थक मजदूरों ने कहा कि हक की लड़ाई लेकर रहेंगे। चारु मजूमदार तुम्हारी कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी। रैली शहर के प्रमुख मार्गो से गुजरते हुए कंचनजंघा स्टेडियम पहुंची। वहां नेताओं ने नक्सली आंदोलन और उससे जुड़ी अबतक की स्थिति पर व्यापक प्रकाश डाला।

बंद रहा कोर्ट में कामकाज

नक्सली शहीद दिवस को लेकर महादेव गुट द्वारा 12 घंटे के बंद का असर गुरुवार को सिलीगुड़ी कोर्ट में देखने को मिला। बार एसोसिएशन और लॉ क्लर्क एसोसिएशन की ओर से कामकाज पूरी तरह बंद रखा गया था। वकील गुरूवार को काम पर नहीं आए। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश मित्रुका ने बताया कि एसोसिएशन का पूर्व से ही यह निर्णय है कि किसी घोषित बंद में एसोसिएशन काम नहीं करेगा। बंद और शहीद दिवस को लेकर बस पडाव और रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे।


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