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लगातार भूस्खलन से जर्जर हुआ एनएच-10

संवादसूत्र,कालिम्पोंग:सिक्किम तथा कालिम्पोंग के बीच जीवन रेखा मानी जाने वाली एनएच-10 क्षेत्र के बिरि

By Edited By: Published: Thu, 28 Jul 2016 08:30 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 08:30 PM (IST)
लगातार भूस्खलन से जर्जर हुआ एनएच-10

संवादसूत्र,कालिम्पोंग:सिक्किम तथा कालिम्पोंग के बीच जीवन रेखा मानी जाने वाली एनएच-10 क्षेत्र के बिरिक डाड़ा की स्थिति लगातार हो रही बारिश से और भी बिगड़ती जा रही है तथा सड़क का 35 मीटर हिस्सा कभी भी तीस्ता नदी में समा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो सिक्किम का संपर्क देश से कट सकता है। इस क्षेत्र में आज सुबह भी भूस्खलन आया था जिसके चलते मार्ग पर एकतरफा यातायात चालू रखा गया था। इस भूस्खलन से वाहनों की लंबी कतार लग गई ऐसी ही खबर 18 माइल क्षेत्र से भी आई जहां भूस्खलन के चलते लोगों को जाम का सामना करना पड़ा। हालांकि दोनों ही स्थानों पर विभाग की जेसीबी ने मलवा हटाकर यातायात सुचारू कर दिया। एनएच-10 पर पूरा दिन सड़क धंसने तथा भूस्खलन से राजमार्ग घंटों तक जाम रहा और वाहन रेगंते नजर आए। बताते चलें कि एनएच-10 पर भोटेंभीर, मल्ली, गेलखोला,29 माईल, 27 माईल,18 माईल,बिरिक डाड़ा, सेती झोडा, हनुमानझोडा, बसहुवा तथा सेवक भूस्खलन के लिहाज से अति संवेदनशील माने जाते हैं। पीडब्लुडी विभाग के उत्तम प्रधान का कहना है कि एनएच-10 पर जगह जगह मार्ग दबने से स्थिति जर्जर हो चुकी है तथा इस संबंध में विभाग ने भारी बड़े मालवाहकों से सावधानी पूर्वक गुजरने की अपील भी की है।


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