जिला प्रशासन ने बंद कराया रोप-वे
संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : जिला प्रशासन ने पर्वतीय क्षेत्र में सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहे र
संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : जिला प्रशासन ने पर्वतीय क्षेत्र में सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहे रोप-वे का संचालन बंद करा दिया है। जिलाधिकारी अनुराग श्रीवास्तव ने तत्काल प्रभाव से रोप-वे संचालन बंद कराने के साथ ही सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने तकनीकी जांच के दौरान दो पोल में गड़बड़ी पाई थी। जिन्हें सही कराने का आदेश दिया गया था।
उन्होंने कहा कि रोप-वे संचालकों द्वारा आदेश की अवहेलना किए जाने पर ही प्रशासन को यह कदम उठाना पड़ा। पश्चिम बंगाल फारेस्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन एक निजी कंपनी के सहयोग से इसका संचालन कर रहा था। संचालनकर्ता कंपनी एवं वन निगम के अधिकारियों ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। दूसरी तरफ, पर्यटन व्यवसायी उक्त निर्णय से पर्यटन व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय मान रहे हैं। लोग बताते हैं कि 1970 के दशक में सिंहमारी नार्थ प्वाइंट से सिक्किम सीमा पर सिंगला तक चार स्टेशनों वाले यात्रीवाहक रोप-वे का संचालन विभाग करता था। जब यह वन विकास निगम के पास चला गया, तब निगम ने एक कंपनी के साथ मिलकर तकभर तक एक ट्राली के सहारे रोप-वे संचालन शुरू किया।
सन 2003 में हुई थी दुर्घटना : 19 अक्टूबर 2003 को दुर्घटना हुई थी। जिसमें 17 सैलानी काल के गाल में समा गए थे। दुर्घटना के बाद लोक निर्माण विभाग की तकनीकी टीम ने एनओसी नहीं दी थी। सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद फरवरी 2012 को रोप-वे का संचालन शुरू हो सका था।