महिला के घर से अमेरिकी डॉलर जब्त
फोटो : संजय एक व तीन -पति की तलाश, गिरफ्तारी के डर से नेपाल में लिया है शरण -सीमा पार जा रहा
फोटो : संजय एक व तीन
-पति की तलाश, गिरफ्तारी के डर से नेपाल में लिया है शरण
-सीमा पार जा रहा वाहन समेत ड्रग्स जब्त, आरोपी गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारत नेपाल और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र खोरीबाड़ी, पानीटंकी, बतासी तथा नेपाल के काकरभीट्टा,धुलाबाड़ी , बिरतामोड़ इन दिनों ड्रग्स धंधेबाजों का प्रमुख अड्डा बना हुआ है। इसका प्रमुख कारण है कि अंतरराष्ट्रीय व अंतरराज्यीय सीमाओं से घिरा होना। दार्जिलिंग एसपी के निर्देश पर थाना प्रभारी देवदूत गजमेर समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियां मादक पदार्थ के धंधे में जुटे धंधेबाजों के खिलाफ लगातार अभियान चलाए हुए है। इसी कड़ी में 41वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट डी के सिंह के नेतृत्व में पुलिस को साथ लेकर पानीटंकी में रंजीत सिंह के मकान में छापामारी किया। छापामारी में छानबीन के दौरान छुपाकर रखा गया 9500 अमेरिकी डॉलर बरामद किया है। इसका मूल्य भारत में छह लाख 35 हजार रुपये है। रंजीत सिंह की पत्नी वसंती सिंह को गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। एसएसबी और पुलिस को जानकारी मिली है कि उसके पति गिरफ्तारी के डर से नेपाल में शरण लिए हुए है। वहीं दूसरी ओर खोरीबाड़ी पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर नेपाल के बिरतामोड निवासी सुरेंद्र खरेल को सीमा पार ड्रग्स ले जाते पकड़ा है। उसके पास से पुलिस ने ब्लू कलर के कार जिसका नंबर बीए सीएच 1400 जब्त की है। कार से पुलिस ने 90 पीस नशे के इंजेक्शन समेत ड्रग्स बरामद किए है। आरोपी के खिलाफ खोरीबाड़ी थाने में कांड संख्या 89 दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। सीमावर्ती क्षेत्र में हो रहे ड्रग्स के धंधे को लेकर डीआरआई के अधिवक्ता रतन वनिक से मिली जानकारी के अनुसार कोलकाता को हब बनाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मादक पदार्थ की तस्करी करायी जा रही है। इसमें गांजा, हेरोइन, हशीश, फैंसीड्रिल की तस्करी प्रमुख है। तस्करी के लिए युवाओं किसी कंपनी का सेल्समेन बना प्रशिक्षण दिया जाता है। ऐसे युवक को प्रशिक्षित कोरियर के रुप में जाना जाता है। आसपास के लोग जब यह जान जाते है लड़के खुद का काम करते है तो युवकों को गिरोह अपने शरण में ले लेते है। युवकों को अगर-अलग तिथि में रेल व सड़क मार्ग से सिलीगुड़ी भेजा था। यहां से वे सुरक्षा एजेंसियों को झांसा देने के लिए पर्यटक बन सिक्किम, भूटान व नेपाल जाते है। वहां पहुंचने के बाद पहले से अंतरराष्ट्रीय तस्करों द्वारा उन्हें करोड़ों के मादक पदार्थ थमा दिए जाते है। युवा और पर्यटक होने के कारण उसकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता और वे करोड़ों का मादक पदार्थ लेकर कोलकाता पहुंचते है। वहां से दूसरी टीम को पासपोर्ट के सहारे विदेशों में भेज दिया है। मादक पदार्थ को कस्टम्स की पकड़ में न आए इसके लिए कैप्सूल में रखे मादक पदार्थ को पानी के साथ खिला दिया जाता है। निर्धारित स्थान पर पहुंचने के बाद उसे दवायुक्त पानी पिलाकर निकाल लिया जाता है। इस काम के लिए एक-एक युवक को 12 हजार रुपये तक दिया जाता है। यह काम खिदिरपुर से युवतियों के माध्यम से भी हो रहा है। इसे रोकने के लिए सभी को एकजुट होना होगा।