'श्रमिकों की समस्या पर आंखे बंद कर बैठी सरकार'
संवाद सूत्र, मिरिक : पानीघाटा चाय बागान के दशहरा पर्व के पूर्व से ही बंद होने के कारण श्रमिकों की आर
संवाद सूत्र, मिरिक : पानीघाटा चाय बागान के दशहरा पर्व के पूर्व से ही बंद होने के कारण श्रमिकों की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल हो गई है। वहीं, भुखमरी का संकट भी खड़ा हो गया है। परंतु श्रमिकों की समस्या पर राज्य सरकार आंख बंद कर बैठी हुई है। उक्त उद्गार मोर्चा समर्थित ट्रेड यूनियन दार्जिलिंग तराई डुवार्स प्लांटेशन लेबर यूनियन के नेता हिरन लोहार ने व्यक्त किए। वे बागान खुलवाने की मांग को लेकर कारखाना परिसर में चल रहे श्रमिकों के धरने को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बागान बंद हुए दो माह हो गया। श्रमिकों को दशहरा का बोनस तक नहीं मिला। राशन-पानी भी बंद ही है। स्थिति जटिल हो जाने के बावजूद कोई पहल नहीं हो रही। प्रधान ने एसडीओ एवं जिलाधिकारी की ओर से पहल की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति से परे हटकर राज्य सरकार चाय श्रमिकों की खस्ता हालत में सुधार को पहल करे। बागान मालिक नहीं मान रहे तो कंपनी का लीज रद्द कर किसी और कंपनी को बागान के संचालन का दायित्व सौंपा जाना चाहिए। गौरतलब है कि दशहरा के ठीक पूर्व बगैर किसी पूर्व सूचना के बागान बंद होने से सैकड़ों कर्मचारियों के भविष्य पर ग्रहण लग गया था। बागान खुलवाने की मांग को लेकर यूनियन के नेतृत्व में 21 नवंबर से ही बागान श्रमिक कारखाना परिसर में धरने पर बैठे हैं।