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31 जुलाई के बाद जनसभाएं करेगा डेमोक्रेटिक फ्रंट

संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : डेमोक्रेटिक फ्रंट 31 जुलाई के बाद जनसभाएं करेगा। साथ ही क्रमबद्ध तरीके

By Edited By: Published: Sun, 26 Jul 2015 08:48 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2015 08:48 PM (IST)
31 जुलाई के बाद जनसभाएं करेगा डेमोक्रेटिक फ्रंट

संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : डेमोक्रेटिक फ्रंट 31 जुलाई के बाद जनसभाएं करेगा। साथ ही क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा। आवश्यकता पड़ी तो हम सड़क पर उतर कर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उक्त उद्गार फ्रंट के प्रवक्ता शंकर हांग सुब्बा ने व्यक्त किए। वे रविवार को स्थानीय अभागोली कार्यालय में मंच के नेताओं की बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि हमें देश की न्यायिक व्यवस्था पर पूर्ण भरोसा है। हमें पूरा विश्वास है कि मदन तमांग के हत्यारों को सजा अवश्य मिलेगी। सुब्बा ने कहा कि मदन तमांग हत्याकांड में साजिश रचने के आरोपी जीटीए प्रमुख विमल गुरुंग समेत अन्य आरोपियों द्वारा कोलकाता उच्च न्यायालय में दाखिल जमानत याचिका पर 31 जुलाई को ही सुनवाई होनी है। उन्होंने जमानत अर्जी खारिज होने का उम्मीद जताई व कहा कि यदि आरोपियों को जमानत मिली, तो फ्रंट इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगा। साथ ही सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा। फ्रंट के प्रवक्ता ने गत दिनों सदर थाने की पुलिस द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग-55 पर सड़क जाम करने, सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने एवं आपराधिक धाराओं में निचली अदालत में आत्मसमर्पण के लिए भारती तमांग, लक्ष्मण प्रधान, आरबी राई समेत 10 नेताओं को थमाई गई नोटिस को चुनौती देते हुए कोलकाता उच्च न्यायालय में दाखिल की गई याचिका अदालत द्वारा स्वीकार कर लेने की जानकारी दी व कहा कि इससे हमारा उत्साह बढ़ा है। याचिका में सूबे के मुख्य सचिव, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सदर थाने के प्रभारी मनोज कुमार चक्रवर्ती एवं उपनिरीक्षक प्रज्ज्वल जोशी प्रधान, एसडीओ आदि के खिलाफ झूठे आरोपों में फंसाने एवं गणतांत्रिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है। सुब्बा ने कहा कि याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि उस दिन न तो क‌र्फ्यू और न ही धारा 144 ही लागू थी। हमने केवल कैंडल के साथ मौन जुलूस निकाला था। जिससे आवागमन में किसी तरह का कोई अवरोध उत्पन्न नहीं हुआ था। साथ ही संवैधानिक अधिकार के तहत आमरण अनशन किया गया था। जिससे सरकारी कार्य में बाधा का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि पुलिस-प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण तरीके से एकतरफा कार्रवाई करने एवं संविधान द्वारा प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है। साथ ही भारती तमांग के साथ की गई अभद्रता का उल्लेख करते हुए पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने, पुलिसिया कार्रवाई पर रोक लगाने, न्यायिक प्रक्रिया पर आए खर्च का प्रशासन से भुगतान कराने एवं उक्त दिन के घटनाक्रम की न्यायिक जांच कराने की मांग की गई है। इससे पूर्व बैठक में फ्रंट के घटक अभागोली, क्रामाकपा, गोरामुमो, सिक्किम दार्जिलिंग एकीकरण मंच के नेताओं ने ताजा हालात पर मंथन किया।

गौरतलब है कि मदन तमांग हत्याकांड में हत्या की साजिश रचने के आरोपी जीटीए प्रमुख विमल गुरुंग समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद गिरफ्तार न किए जाने के खिलाफ फ्रंट ने गोदुनिस भवन से कैंडल मार्च निकाला था। जिसके चौरास्ता पहुंचने पर अभागोली प्रमुख भारती तमांग हवा घर के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गई थीं। हालांकि मोर्चा की ओर से आरोपियों की जमानत को कोलकाता उच्च न्यायालय में दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लग जाने के बाद उन्होंने अपना अनशन समाप्त कर दिया था।


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