फूल उत्पादन के शोधार्थियों का होने लगा जमावड़ा
फोटो : संवाद सूत्र, मिरिक : सिम्बिडियम आर्किड के उत्पादन में अपना अलग स्थान बनाने वाला मिरिक क्षेत
फोटो :
संवाद सूत्र, मिरिक : सिम्बिडियम आर्किड के उत्पादन में अपना अलग स्थान बनाने वाला मिरिक क्षेत्र फूल उत्पादन पर शोध करने वालों का भी पसंदीदा स्थल बनता जा रहा है। यहां देश के विभिन्न हिस्सों के शोधार्थियों का जमावड़ा होने लगा है। फिलहाल मेघालय कृषि एवं बागवानी विभाग के आला अधिकारियों समेत 41 फूल उत्पादकों का दल मिरिक के दौरे पर है। दल ने मिरिक बस्ती स्थित दार्जिलिंग गार्डन नर्सरी का भ्रमण कर सिम्बिडियम की कृषि के संबंध में जानकारी ली।
सिम्बिडियम की कृषि के विभिन्न पहलुओं की विस्तार से जानकारी देने के उद्देश्य से आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में सहभागिता करने के बाद प्रतिभागियों ने यहां की भौगोलिक संरचना व आबोहवा को इसके लिए उपयुक्त बताया। अधिकतर प्रतिभागियों ने इसे स्वरोजगार का बेहतर विकल्प बताया। मेघालय कृषि एवं बागवानी विभाग के अधिकारी ए मलय, कृषि विकास अधिकारी पीएल खाली, बागवानी परिदर्शक टी बादी आदि ने मिरिक के मौसम की प्रशंसा की। इस संबंध में गार्डन के निदेशक प्रशांत चौधरी व बाजार व्यवस्थापक कृष्ण शर्मा ने बताया कि सन 2008 से चार एकड़ भू-भाग पर आर्किड की खेती की जा रही है। चौधरी ने कहा कि अन्य स्थानों के अधिकारियों व फूल उत्पादकों के आने पर उत्पादक का लाभ पहुंचने के साथ ही पर्यटन उद्योग को भी ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा कि यहां के आर्किड की मांग खाड़ी देशों, हॉलैंड, जापान आदि देशों में सबसे ज्यादा मांग है। चौधरी ने कहा कि जिस समय यहां आर्किड खिलता है, उस वक्त अन्य स्थानों पर यह नहीं खिलता। जिसके कारण इसकी मांग तो ज्यादा रहती ही है, साथ ही अच्छी कीमत भी मिल जाती है। उन्होंने इसे क्षेत्रीय युवाओं के लिए रोजगार का भी एक बेहतर विकल्प बताया।