सं. गोरखालैंड का मसला राजनैतिक : बाबा रामदेव
फोटो : -राज्य गठन की मांग का परोक्ष समर्थन करते हुए कहा : जनहित व राष्ट्रहित के मुद्दे पर उनका नैत
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-राज्य गठन की मांग का परोक्ष समर्थन करते हुए कहा : जनहित व राष्ट्रहित के मुद्दे पर उनका नैतिक समर्थन
संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : गोरखालैंड राज्य गठन की मांग एक राजनैतिक मसला है। इस संबंध में विमल गुरुंग व अन्य नेता ही प्रतिक्रिया दे सकेंगे। लेकिन यदि कोई मसला जनहित व राष्ट्रहित में हो तो उसका नैतिक समर्थन किया जाएगा। उक्त उद्गार योग-गुरु बाबा रामदेव ने व्यक्त किए। वे गुरुवार को दार्जिलिंग पहुंचने पर जीटीए की ओर से गोरखा रंगमंच भवन में आयोजित भव्य स्वागत समारोह के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
गोरखालैंड की मांग को सीधे समर्थन देने से बचते हुए उन्होंने कहा कि जनहित के मुद्दों का वे हमेशा समर्थन करेंगे। बाबा रामदेव ने कहा कि विमल गुरुंग के अनुरोध पर पार्वत्य क्षेत्र में शीघ्र ही पतंजलि योगपीठ स्थापित करने की घोषणा की जाएगी। कालाधन एक हजार करोड़ रुपये होने का जिक्र करते हुए योग-गुरु ने इसकी वापसी के लिए धीरे-धीरे हो रहे कार्य पर दु:ख जताया व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीव्र गति से कार्य करने की सलाह दी। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर मोदी सरकार द्वारा कुछ अच्छा किए जाने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी पर देश की करोड़ों जनता के अपेक्षाओं का बोझ है। हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए कैबिनेट मंत्री के दर्जे के संबंध में उन्होंने कहा कि केंद्र अथवा किसी राज्य की सरकार कोई ओहदा या सम्मान प्रदान करती है, तो उसको राष्ट्रधर्म मानकर निभाऊंगा। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के सवाल पर बाबा रामदेव ने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है। देश में युवाओं का नेतृत्व व मजबूत विपक्ष लोकतंत्र के लिए अच्छा होगा।